म्यूनिख अक्टूबर फेस्ट के 200 साल
१८ सितम्बर २०१०जर्मनों के बारे में कहा जाता है कि वह लेडरहोजे यानि चमड़े की पैंट पहनता है, और यदि योडेल न कर रहा हो तो बीयर पीता है. विश्व में जर्मनों की इस छवि के पीछे कुछ हद तक म्यूनिख के अक्टूबर फेस्ट का योगदान है. सितंबर के तीसरे शनिवार से अक्टूबर के पहले रविवार तक दुनिया भर से लाखों लोग विश्व के सबसे बड़े बीयर महोत्सव की मस्ती लेने म्यूनिख पहुंचते हैं.
म्यूनिख का अक्टूबर फेस्ट भले ही बीयर के लिए जाना जाता हो, हर कोई वहां पीने के लिए नहीं जाता. यह 200 साल पुराने इतिहास वाला लोक महोत्सव है जहां हर उम्र के लोगों के लिए कोई न कोई आकर्षण होता है. इस समय म्यूनिख के सिटी म्यूजियम में अक्टूबर फेस्ट 1810-2010 नामक प्रदर्शनी दिखाई जा रही है.
पहली बार अक्टूबर फेस्ट का आयोजन 17 अक्तूबर 1810 को हुआ था. बवेरिया के तत्कालीन राजकुमार लुडविष प्रथम ने राजकुमारी थेरेजे के साथ अपनी शादी के मौके पर एक घुड़दौड़ करवाई, घुड़दौड़ म्यूनिख शहर के बाहर स्थित बड़े मैदान में हुई जिसे उसके बाद राजकुमारी थेरेजे के नाम पर थेरेजियनवीजे या थेरेजियन मैदान का नाम दे दिया गया. आज बहुत से लोग इस मैदान को बस वीजेन के नाम से पुकारते हैं.
राजकुमार लुडविष की प्राचीन ग्रीस में गहरी दिलचस्पी थी. इसलिए उनकी तड़क भड़क वाली शादी में प्राचीन ओलंपिक खेलों के तत्व भी थे. पहला अक्टूबर फेस्ट अपने समय के महत्वपूर्ण खेलों से भरा था, लेकिन साथ संभ्रांत लोगों की पार्टियों का भी आयोजन हुआ था.
पहला अक्टूबर फेस्ट इतना सफल रहा कि उसका आयोजन हर साल किया जाने लगा. सत्ताधारी वर्ग के लिए वह एक महत्वपूर्ण घटना बन गया. 1910 में महोत्सव की 100 जयंती पर एक पिक्चर कार्ड में बवेरिया के राज घराने के कई सदस्यों को चित्रित किया गया है. उनमें सबसे दाईं ओर राजा लुडविष द्वितीय भी हैं.
अक्टूबर फेस्ट ने अपने 200 साल के इतिहास में समाज के बदलते रूप को भी देखा है. 1890 का यह चित्र साफ साफ दिखाता है कि शुरुआत के 80 साल बाद भी महोत्सव सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक घटना हुआ करता था. वार्षिक समारोह के लिए लोग अपनी सबसे बेहतरीन पोशाक पहन कर आते थे.
जैसे जैसे अक्टूबर फेस्ट का खेल वाला चरित्र इतिहास की धूल में ढलता गया रोलर कोस्टर जैसे मेलों वाले आकर्षण दर्शकों और कमाई के लिए प्रतिस्पर्धा करने लगे. 1929 की इस तस्वीर में उस समय का रोलर कोस्टर देखा जा सकता है. आज वीजेन दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल रोलर कोस्टर का घर है जिसका नाम है ओलंपिया लूपिंग.
1910 की शैतानी चरखी (दस टौएफेल्सराड), पाँच मीटर व्यास वाला लकड़ी का घूमता हुआ प्लैटफॉर्म. दर्शक इस पर लेटकर अधिक से अधिक समय तक उस पर बने रहने का प्रयास करते थे. चरखी घूमती रहती थी और एक व्यक्ति उस पर लोटते पोटते लोगों पर मजाक करता जाता था.
हाल के सालों में अधिक से अधिक लोग बवेरिया की स्थानीय पोशाक में अक्टूबर फेस्ट में जाते हैं. महिलाएं ड्रिंडल पहनकर और पुरुष लेडरहोजे पहनकर. म्यूनिख के सिटी म्यूजियम पिछली सदियों के ड्रिंडल का प्रदर्शन किया जा रहा है.
दो सौ साल बाद भी अक्टूबर फेस्ट लोकप्रिय बना हुआ है और हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है. 18 सितंबर से 4 अक्टूबर तक फिर मौका है 200 साल के इतिहास के वर्तमान का हिस्सा बनने का.
संकलन: महेश झा
संपादन: निखिल रंजन