कौन करता है दिल में घर
५ फ़रवरी २०१४जर्मनी के येना विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अगर नजर में आने के लिए कुछ खास नहीं हो तो आकर्षक चेहरे भी दिल में जगह नहीं बना पाते. और कि वह याददाश्त में सामान्य चेहरे से भी कम छाप छोड़ते हैं. वैज्ञानिकों का यह अध्ययन न्यूरोसाइकोलोजिया नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
येना के मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि शोध के नतीजों ने खुद उन्हें भी आश्चर्य में डाल दिया. टीम के सदस्य होल्गर वीजे कहते हैं, "अब तक हमारा मानना था कि आम तौर पर आकर्षक समझे गए चेहरे को याद रखना आसान है, आसान इसलिए कि हम सुंदर चेहरों को देखना पसंद करते हैं." इस अध्ययन के बाद रिसर्चरों का कहना है कि आकर्षक चेहरे व्यक्ति के मन को इतना घेर लेते हैं कि उन्हें देखने के बाद दिमाग सीखने की प्रक्रिया भूल जाता है इसलिए उन्हें फिर से पहचान पाना भी मुश्किल हो जाता है.
जर्मन वैज्ञानिकों ने सर्वे में भाग लेने वाले लोगों को कुछ सेकंड के लिए ध्यान खींचने वाली तस्वीरें दिखाईं जिनमें से आधे को आकर्षक और आधे को अनाकर्षक की श्रेणी में रखा गया था. कुछ देर बाद दूसरे राउंड में उन्हें वही तस्वीरें दोबारा दिखाई गईं और पूछा गया कि कौन कौन से चेहरे याद रहे. आकर्षक चेहरों के मामले में ज्यादा गलतियां सामने आईं.
वीजे इसकी वजह के बारे में बताते हैं, "ऐसा लगता है कि कभी कभी हम सोचते हैं कि चेहरे को फिर से पहचान लेंगे क्योंकि उसे आकर्षक पाते हैं." उनके विचार में इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि हॉलीवुड अभिनेत्री अंजेलीना जोली को विश्व भर में महिला आकर्षण का प्रतीक माना जाता है. लेकिन सुंदरता के अलावा बड़ी बड़ी आंखें या मोटे होंठ जैसी विशेषताएं उनके चेहरे को याद रखने में मदद देती है. वीजे कहते हैं, "ऐसे चेहरों को हम बहुत अच्छी तरह याद रखते हैं."
एमजे/एएम (डीपीए)