यूएन के आतंकवाद सम्मेलन में उज्जवल निकम
२८ नवम्बर २०१०तीन दिन तक चलने वाले सम्मेलन में पाकिस्तान समेत 25 देशों के कानूनी जानकार शामिल हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इसका आयोजन किया है. दुनिया के लिए आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा मानते हुए संयुक्त राष्ट्र ने यह तय किया है कि हर तरफ से इसका मुकबला किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र में इस पर सहमति बनी है कि आतंकवाद से जंग के साथ ही आतंकवादियों को मजबूत कानूनी तंत्र के जरिए सजा दिया जाना भी जरूरी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने तय किया है कि दुनिया के अलग अलग देशों से कानून के जानकारों को बुलाकर उनके अनुभव और आतंकवाद को रोकने के लिए उनकी सोच को एक दूसरे से बांटा जाए. निकम रविवार की रात न्यूयॉर्क के लिए रवाना हो रहे हैं. निकम पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब के खिलाफ मुकदमे में अभियोजन पक्ष के वकील रहे हैं. वह संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद से कानूनी जंग के बारे में अपने अनुभव बताएंगे.
सम्मेलन में मुख्य रूप से इस बात पर ध्यान है कि आतंकवादियों को कानूनी शिंकजे में कसने में क्या दिक्कतें सामने आती हैं. साथ ही अलग अलग देशों में आतंकवादियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी तंत्र किस तरह से काम करता है. सब देशों की बात सुनने के बाद पूरी दुनिया के लिए कुछ खास नसीहतें और तौर तरीके तैयार किए जाएंगे जिससे कि आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सके.
निकम 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष सरकारी वकील रहे. इसके अलावा 2003 के दोहरे बम कांड की सुनवाई में भी वही सरकारी वकील थे. वह पहले ऐसे वकील हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधि बनाकर भेजा गया है. निकम की पैरवी पर अब तक कसाब समेत 37 अपराधियों को मौत की सजा सुनाई दी जा चुकी है. इन अपराधियों ने कुल 628 लोगों की जान ली थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ए कुमार