यूएन बैठक नाकाम, कोरियाई देशों में तनाव बढ़ा
२० दिसम्बर २०१०पश्चिमी देश चाहते हैं कि पिछले महीने किए गए उत्तर कोरियाई हमले की कड़े शब्दों में निंदा की जाए. लेकिन चीन और रूस इस बात पर सहमत नहीं हुए और बैठक बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हो गई.
अचानक बुलाई गई यह आपातकालीन बैठक आठ घंटे तक चली. देशों के प्रतिनिधियों के बीच औपचारिक और अनौपचारिक रूप से कई बार बातचीत हुई. लेकिन वे किसी एक राय पर पहुंचने में नाकाम रहे. यह बैठक रूस के आग्रह पर बुलाई गई.
इस बीच दक्षिण कोरिया ने सोमवार को येओनपयिओंग द्वीप पर एक सैन्य अभ्यास पूरा कर लिया है जिसके तहत कई मिसाइलें दागी गईं. उत्तर कोरिया ने इसके जवाब में कार्रवाई की चेतावनी दी थी. इसी द्वीप पर 23 नवंबर को उत्तर कोरिया कोरिया के हमले में चार दक्षिण कोरियाई नागरिक मारे गए थे. महीनों से उत्तर और दक्षिण कोरिया में तनाव है.
बैठक से पहले रूस ने एक प्रस्ताव का मसौदा भी सदस्य देशों को दिया था. इस प्रस्ताव में तीनों पश्चिमी देश अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस 23 नवंबर के उत्तर कोरियाई हमले की कड़ी निंदा करने वाले शब्द जोड़ना चाहते थे. लेकिन माना जाता है कि चीन और रूस उस पर सहमत नहीं हुए.
बैठक के बाद संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत विताली चरकिन ने सहमति न बन पाने पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा, "कोरियाई प्रायद्वीप में हालात गंभीर हैं और हम एक समझौते की उम्मीद कर रहे थे. दुर्भाग्य से हम पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाए."
अमेरिकी राजदूत सूजन राइस ने कहा कि सुरक्षा परिषद के ज्यादातर सदस्य 23 नवंबर के हमले की साफ शब्दों में निंदा चाहते थे. उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में उत्तर कोरिया दो गंभीर हमले कर चुका है और इसकी स्पष्ट निंदा होनी चाहिए.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार