यूक्रेन पर रूस के रुख से चिंतित मैर्केल
१७ नवम्बर २०१४रविवार को खत्म हुई जी 20 देशों की शिखर वार्ता में पश्चिम और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच मतभेद की खाई और गहरी हो गई. यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में और अलगाववादियों को ब्लैक लिस्ट में रखने का फैसला लिया है. अभी तक 119 यूक्रेनी और रूसी नेताओं सहित 23 कंपनियों और संगठनों की ईयू में यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही कई के खातों को सील कर दिया गया है. किन पर और प्रतिबंध लगाना है इस बारे में महीने के आखिर तक फैसला ले लिया जाएगा.
यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों की बैठक ऐसे समय हुई है जब कीव के संघर्ष विराम के बावजूद कीव और रूस समर्थकों के बीच ताजा संघर्ष हुआ है. बहरहाल रूस और यूरोपीय संघ के बीच बातचीत की संभावनाएं भी ढूंढी जाएंगी.
सिर्फ क्षेत्रीय समस्या नहीं
अंगेला मैर्केल ने सिडनी में अंतरराष्ट्रीय नीति संस्थान में बोलते हुए यूक्रेन विवाद के संदर्भ में काफी बिंदू रखे, जिनमें पुतिन की नीतियों का उल्लेख था. मैर्केल ने चेतावनी दी कि इस संघर्ष का असर यूक्रेन के बाहर भी होगा. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक से बातचीत दौरान कहा, "यूक्रेन संघर्ष सिर्फ क्षेत्रीय समस्या नहीं है. इस मामले में हम देख सकते हैं कि यह हम सबको प्रभावित कर रहा है."
मार्च में क्रीमिया को अपने में शामिल कर लेने के कदम पर मैर्केल ने कहा कि इसके कारण "पूरे यूरोप की शांति पर सवाल खड़ा कर दिया था."
इतिहास से सीखना
पूर्वी जर्मनी में पली बढ़ी मैर्केल ने कहा कि वह फिर शीतयुद्ध वाली स्थिति नहीं चाहती जिसमें मॉस्को से हर चीज पूछने की जरूरत पड़ती थी. उन्होंने कहा, "किसने सोचा था कि बर्लिन की दीवार गिरने के 25 साल बाद, शीत युद्ध के खत्म होने के बाद, यूरोप के विभाजन के बाद और दुनिया के दो हिस्से में टूटने के बाद ऐसा कुछ फिर से यूरोप के बीचों बीच होगा."
बर्लिन की दीवार गिराए जाने के 25 साल पूरे होने पर मैर्केल ने कहा था कि यह समय है जब हमें दिखाना होगा कि हमने इतिहास के क्या सीखा है, "सबसे बड़ा खतरा यह है कि हम खुद को अलग होने, विभाजित होने दें."
जर्मन मीडिया में पुतिन
रविवार को जर्मनी के टीवी चैनल एआरडी ने व्लादिमीर पुतिन के साथ 30 मिनट लंबा इंटरव्यू किया जिसमें पुतिन ने कहा कि यूक्रेन संकट से बाहर निकलने का रास्ता है. उन्होंने हालांकि यूक्रेनी सरकार की आलोचना भी की और कहा कि कीव की नीति संवाद की बजाए जोर जबरदस्ती कर रही है और इस कारण हल नहीं निकल रहा. उन्होंने कहा, "मैं एकदम रुखे शब्दों में कह रहा हूं कि हम बहुत चिंतित हैं कि जातीय संहार करने की इच्छा पैदा हो सकती है. हमें डर है कि नव नाजीवाद की ओर झुकाव होगा. ऐसे लोंग हैं जो बाहों पर स्वस्तिक के साथ घूम रहे हैं. इसलिए हमें डर है कि मामला उस दिशा में जा रहा है. यह यूक्रेन के लोगों के लिए बड़ा संकट होगा."