यूक्रेन में हिंसक प्रदर्शन
कीव के हिंसक प्रदर्शनों की झलक
प्रदर्शनकारियों पर हिंसा
यूक्रेन में अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत की पुष्टि की है. प्रदर्शन में हुई हिंसा में पहली बार कोई मारा गया है. हिंसा के बाद उनकी लाशें एक इमारत में मिलीं.
किसकी गलती
सरकार और विपक्ष दोनों एक दूसरे को हिंसा के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. प्रधानमंत्री अजारोव ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों को शांतिप्रिय नहीं कहा जा सकता. वह अपराधी हैं जिन्हें अपने किए की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
पुलिस जिम्मेदार नहीं
यूक्रेन की सरकार ने उसपर लगाए गए सारे आरोपों को खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि प्रदर्शनकारियों की मौत से पुलिस का कोई लेना देना नहीं. सरकार ने कहा कि देश में अराजकता और विभाजन को नहीं सहा जाएगा.
प्रदर्शनों पर प्रतिबंध
21 जनवरी से प्रदर्शनकारियों के अधिकार को काम कर दिया गया है. नकाब या हेलमेट पहन कर प्रदर्शन करने वालों को जुर्माना देना होगा या फिर उसे सजा होगी. सार्वजनिक इमारतों का घेराव करने पर भी सजा हो सकती है.
प्रदर्शनकारियों की जिद
प्रतिबंधों के बावजूद कई लोग स्वतंत्रता मैदान से नहीं हट रहे. पुलिस ने आंसूगैस से प्रदर्शनकारियों को वहां से भगाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने भी सुरक्षा बलों पर पेट्रोल बमों से हमला किया.
कोई अंत नहीं
प्रदर्शनों की शुरुआत पिछले साल यूक्रेन की राजधानी कीव में हुई. उस वक्त लोग इस बात का विरोध कर रहे थे कि राष्ट्रपति यानुकोविच ने यूरोपीय संघ के साथ साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया.
प्रदर्शनकारियों की मांग
सरकार के विरोधी चाहते हैं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने वाले कानूनों को खत्म कर दिया जाए. वह जल्द राष्ट्रपति के इस्तीफे और संसदीय चुनाव करवाने की मांग कर रहे हैं.
क्लिचको का सहारा
पूर्व बॉक्सर विताली क्लिचको प्रदर्शनों का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति यानुकोविच से भी मुलाकात की.