यूनुस के ग्रामीण बैंक की जांच होगी
१२ जनवरी २०११जांच करने वाली पांच सदस्यीय टीम के प्रमुख मुनव्वरउद्दीन अहमद ने कहा, "हम विदेशी धन से चलने वाली ग्रामीण बैंक की माइक्रो क्रेडिट स्कीमों के प्रबंधन की जांच करेंगे और सरकार को तीन महीने के अंदर रिपोर्ट देंगे." संदेह है कि ग्रामीण बैंक और उसके संस्थापक मोहम्मद यूनुस ने नॉर्वे की विकास एजेंसी नोराड के पैसे को एक प्रोजेक्ट्स से दूसरे में गैरकानूनी तरीके से स्थानांतरित किया. पूरा मामला तब सामने आया जब नॉर्वे में नवंबर में दिखाई गई टीवी डॉक्यूमेंट्री में आरोप लगाया गया कि ग्रामीण कल्याण योजना में नोराड और दूसरे दानदाताओं के 10 करोड़ डॉलर 1996 में कहीं और इस्तेमाल किए गए.
सरकार का यह आदेश प्रधानमंत्री शेख हसीना और मोहम्मद यूनुस के बीच हुए टकराव से जोड़कर देखा जा रहा है. यूनुस ने ग्रामीण बैंक बनाकर कई गरीब लोगों को छोटे रोजगार के लिए लोन सुविधा उपलब्ध करवाई और उनके इसी प्रयास के लिए 2006 में उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया था.
मोहम्मद यूनुस की ग्रामीण बैंक पर हाल ही में नार्वे की डाक्यूमेंट्री फिल्म में आरोप लगाया गया था कि बैंक में कई वित्तीय गड़बड़ियां चल रही है.
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि यूनुस टैक्स बचाने के लिए चाल चल रहे हैं और ग्रामीण बैंक के नाम पर गरीबों का खून चूसा जा रहा है. 2007 में जब यूनुस ने खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई थी तब से वह हसीना के निशाने पर हैं. हसीना ने उस समय आरोप लगाया था कि ग्रामीण बैंक को मोहम्मद यूनुस ने अपनी निजी जागीर में बदल दिया है.
सरकार के आला अधिकारी बकुल चाद ने बताया कि इस बात कि भी जांच की जाएगी कि ग्रामीण बैंक की ब्याज दर और अन्य बैंकों की ब्याज दरों में कितना फर्क है.
दूसरी तरफ सरकारी समीक्षक एकेएम मुनव्वरउद्दीन ने कहा कि जांच का मकसद किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाना नहीं है. हम सिर्फ ग्रामीण बैंक के कामकाज की जांच करेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/एसके
संपादनः आभा एम