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येदियुरप्पा कुर्सी बचाने में कामयाब

२४ नवम्बर २०१०

भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपनी कुर्सी बचा लेने में कामयाब रहे हैं. बीजेपी ने कहा है कि वह पद पर बने रहेंगे. इस तरह राज्य में अस्थिरता और अटकलों का दौर खत्म हुआ.

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बच गई कुर्सीतस्वीर: UNI

बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा, "पार्टी के वरिष्ठ और राज्य स्तर के नेताओं के साथ सलाह मशविरे के बाद पार्टी ने तय किया है कि बीएस येदियुरप्पा अपने पद पर बने रहेंगे." इस बयान को पढ़ते हुए पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने गडकरी के हवाले से कहा कि कर्नाटक सरकार की तरफ से गठित जांच आयोग येदियुरप्पा के खिलाफ जमीन आवंटन के मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों की पड़ताल करेगा. मुख्यमंत्री ने पार्टी से भी इन आरोपों की तह तक जाने को कहा है.

गडकरी ने कहा, "मैं इस मामले को देखने के लिए पर्याप्त सहायता लूंगा." गडकरी के बयान से साफ है कि 67 वर्षीय येदियुरप्पा ने पद छोड़ने के लिए पड़ रहे दबाव से निपट लिया है. न सिर्फ विपक्ष बल्कि पार्टी के अंदर भी एक धड़ा उनके इस्तीफे की जोरदार मांग कर रहा था.

वैसे येदियुरप्पा आखिर तक इस्तीफा न देने पर अड़े रहे. लेकिन मंगलवार को उन्होंने अपना सुर नरम करते हुए कहा कि पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, उन्हें मंजूर होगा. इससे संकेत मिला कि अपने पद पर बने रहने के लिए उन्होंने हाई कमान का भरोसा जीत लिया है.

माना जा रहा है कि कर्नाटक में स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए भी येदियुरप्पा को बनाए रखने का फैसला किया गया है. अगर उन्हें हटाया जाता तो येदियुरप्पा के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय के वोट खिसकने का खतरा था. पार्टी प्रमुख ने कहा कि राज्य में आने वाले जिला और पंचायत चुनावों के मद्देनजर नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिल जुल काम करना चाहिए ताकि पार्टी को सफलता मिले.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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