रफाएल नडाल ने एंडी मरे को हराया
२ जुलाई २०११शुक्रवार को जब मैच शुरू हुआ तो पहले सेट में मरे ने जाल के दूसरी ओर खड़े नडाल पर दबाव बनाने की कोशिश की. मरे की कोशिश कामयाब रही औऱ पहला सेट नडाल के हाथों से मरे ने झटक लिया. हालांकि इसके बाद नडाल ने उन्हें सिर उठाने का कोई मौका नहीं दिया. नतीजा पुरूषों के एकल मुकाबले के सेमीफाइनल में मरे को नडाल के हाथों 5-7, 6-2,6-4 से हार का मुंह देखना पड़ा.
हार के बाद 24 साल के ब्रिटिश खिलाड़ी मरे ने कहा, "इस हार ने मेरे सामने यह साफ कर दिया है कि अभी और कड़ी मेहनत करने पड़ेगी. कोशिश करनी होगी, खेल सुधारना होगा और मजबूद होना होगा. ज्यादा पेशेवर होना पड़ेगा. शुक्रवार के खेल में जो हुआ उससे सीख लेनी होगी."
फेडरर और नडाल हैं रोड़ा
एंडी मरे अब तक तीन ग्रैंड स्लैम मुकाबलों के फाइनल में शिकस्त झेल चुके हैं. अगर वो किसी और दौर में खेल रहे होते तो शायद तस्वीर कुछ अलग होती. मरे को ज्यादातर मुकाबलों के साथ मैच में कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों से ही बार बार हार का मुंह देखना पड़ा. इनमें से सबसे ज्यादा बार तो रोजर फेडरर और रफाएल नडाल ने ही उनका रास्ता रोका है. मरे ने कहा, "मुझे लगता है कि यह टेनिस का सबसे कठिन दौर है, ऊपर के मुकाबले तो अपवाद जैसे हैं. ना सिर्फ उन लोगों के स्तर तक पहुंचना होगा, बल्कि उनसे भी ज्यादा मेहनत करनी होगी तभी आप आगे जा सकते हैं. मुझे भी यही करना पड़ेगा."
मरे को नडाल के शब्दों से थोड़ा सहारा जरूर मिल सकता है. नडाल ने जीतने के बाद कहा, "मैंने आज तक जितने खिलाड़ी देखे हैं उनमें बिना ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वालों में वो सबसे शानदार है. वो हमेशा आगे तक जाता है. ऑस्ट्रेलिया के फाइनल में, रोलां गैरा के सेमीफाइनल में, यहां दूसरी बार सेमीफाइनल. यह आसान नहीं है कि वो हमेशा फाइनल या सेमीफाइनल तक पहुंच कर हार जाता है. लेकिन वह अच्छा कर रहा है और वह ग्रैंड स्लैम जीतने की तरफ सही दिशा में जा रहा है. मुझे लगता है कि किस्मत को थोड़ा और उसका साथ देना होगा और उसके बाद जीत उसी की होगी, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ईशा भाटिया