रवीन्द्रनाथ टैगोर के सम्मान में अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड
७ मई २०११मनमोहन सिंह ने टैगोर की 150 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शुरू हुए समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा, "भारत सरकार ने फैसला किया है कि रवीन्द्रनाथ टैगोर के सम्मान में एक अहम अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा. इसे अंतरराष्ट्रीय बंधुत्व के क्षेत्र में अहम काम करने वाले को दिया जाएगा."
प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली एक ज्यूरी हर साल दुनिया भर से किसी ऐसे व्यक्ति को चुनेगी जो टैगोर के वैश्विक मूल्यों को अपने काम में उतार रहे हैं. प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि पहले पुरस्कार की घोषणा उत्सव की समाप्ति तक की जा सकेगी.
प्रधानमंत्री ने बताया कि 150 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में होने वाले समारोहों में कई तरह के प्रोजेक्ट्स हो रहे हैं. इससे टैगोर की रचनाएं ज्यादा लोगों तक पहुंच सकेंगी. विश्वभारती विश्वविद्यालय को एक बार फिर जोर शोर से आगे लाने के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. "विश्वभारती उनके सीखने की क्षमता, युवाओं की रचनात्मकता और आजाद दिमाग पर अकूत विश्वास का जीता जागता उदाहरण है." प्रधानमंत्री ने विश्वभारती के लिए 95 करोड़ रूपये के अनुदान की घोषणा की है. "विश्वभारती को फिर से खड़ा करने के अलावा कोई और अहम चुनौती हो ही नहीं सकती. भारत सरकार विश्व भारती के लिए कई तरह से सहायता कर रही है जिसमें 95 करोड़ का विशेष अनुदान भी शामिल है."
रवीन्द्रनाथ टैगोर (1861-1941) बंगाली कवि, दार्शनिक, कलाकार, नाटककार, संगीत रचनाकार और उपन्यासकार थे. वह भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. उन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया.
साल भर चलने वाले समारोहों की शुरुआत बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की उपस्थिति के साथ हुई. प्रधानमंत्री ने टैगोर के चित्रों का डिजिटल कलेक्शन जारी किया. इसे नई दिल्ली की एक प्रदर्शनी में रखा गया है. साल भर भारत के साथ बांग्लादेश में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एमजी