राना के बरी होने से भारत को निराशा
१० जून २०११तहव्वुर राना पर शिकागो अदालत के फैसले के बाद पहले भारत ने कहा कि वह इसे झटका नहीं मानता लेकिन कुछ ही घंटों बाद अपना बयान बदल दिया. गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में अब कहा गया है कि मुंबई हमलों की साजिश के आरोप से राना के बरी हो जाने से भारत को निराशा हुई है. बयान में कहा गया है कि सरकार शिकागो में अदालत का फैसला आने के बाद इस पर विचार कर रही है. भारत का कहना है कि शिकागो अदालत में राना के खिलाफ सबूत पेश किए गए जिससे साबित होता है कि उसने सह आरोपी डेविड हेडली की मदद की लेकिन इसके बावजूद राना को बरी कर दिया.
इससे पहले गृह मंत्रालय के आतंरिक सुरक्षा सचिव यूके बंसल ने बताया था कि भारत को राना के बरी होने से झटका नहीं लगा है, "भारत अब भी मामले की तफ्तीश कर रहा है इसलिए वह इस फैसले को झटके के तौर पर नहीं लेते. तहव्वुर राना और डेविड हेडली के खिलाफ भारत में मुकदमे की कार्रवाई हमारी जांच पर ही निर्भर करती है और भारतीय जांच एजेंसियां इस काम को अंजाम दे रही हैं. अन्य देशों में संदिग्ध आतंकवादियों के खिलाफ आरोप साबित होने या न होने पर भारत निर्भर नहीं है. भारत अपनी ताकत पर विश्वास करता है."
बंसल के मुताबिक 26/11 हमलों की जांच के सिलसिले में भारत आरोपियों के खिलाफ अपने सबूतों के आधार पर अदालती कार्रवाई करेगा. "मामले की जांच अभी चल रही है. जब यह पूरी हो जाएगी तो हम कोर्ट में सबूतों को पेश करेंगे. जब भी कोई जांच एजेंसी किसी केस को अदालत में लड़ती है तो उसे जीतने की पूरी उम्मीद होती है." लेकिन अब गृह मंत्रालय ने रुख बदलते हुए इस फैसले को निराशाजनक करार दिया है.
शिकागो की एक अदालत ने तहव्वुर राना को मुंबई हमले की साजिश में शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया गया है. लेकिन राना के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा को मदद देने और डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश रचने के दो आरोप साबित हुए हैं. हालांकि डेनमार्क में हमले की साजिश पर कभी अमल नहीं किया गया. तहव्वुर राना को जेल में 30 साल की सजा हो सकती है और वह अभी पुलिस हिरासत में ही है. सजा सुनाए जाने की तारीख की घोषणा अभी नहीं हुई है.
तहव्वुर राना के वकील ने कहा है कि मुकदमे में गलती हुई है और वह इस फैसले के खिलाफ जल्द ही अपील दायर करेंगे. उनके मुताबिक लश्कर ए तैयबा मुंबई हमलों में शामिल थी न कि डेनमार्क में आतंकी हमले की साजिश रचने में और इस वजह से राना को दोषी ठहराया जाना विरोधाभास दर्शाता है. भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि जल्द ही डेविड हेडली और तहव्वुर राना के खिलाफ मुंबई हमलों के सिलसिले में एक चार्जशीट दायर की जाएगी.
26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए जिनमें कई अमेरिकी नागरिक भी हैं. पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली और पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राना के खिलाफ शिकागो की अदालत में मुकदमा चला. हेडली अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर चुका है. भारत प्रत्यर्पित होने और मौत की सजा से बचने के लिए हुए समझौते के तहत वह अदालत में गवाही दे रहा है. हमलों के दौरान पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब को मुंबई की विशेष अदालत मौत की सजा सुना चुकी है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उभ