राफा को हरा कर जोकोविच ने बिखेरा जलवा
३ जुलाई २०११इस जीत के साथ ही जोकोविच दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बन गए हैं. 24 साल के नोवाक जोकोविच के लिए यह तीसरा ग्रैंड स्लैम टाइटल है और यह पहली बार है जब उन्होंने विम्बलडन खिताब पर अपना नाम लिखा है. इससे पहले वह 2008 और 2011 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीत चुके हैं. जोकोविच की बेहतरीन फॉर्म का अंदाजा इस बात से लगता है कि पिछले 51 मैचों में उन्होंने 50 मैच जीते हैं.
फाइनल में जोकोविच जब नडाल के सामने कोर्ट में उतरे तो अतीत का रिकॉर्ड उनके खिलाफ था. नडाल और जोकोविच के बीच 27 मैच हो चुके हैं जिनमें 16 मैच जोकोविच हारे हैं जबकि 11 में नडाल को शिकस्त मिली है. नडाल के खिलाफ इस साल पांचवी बार जोकोविच विजयी बनकर उभरे हैं. विम्बलडन को जीतने वाले वह पहले सर्बियाई खिलाड़ी हैं.
मैच शुरू होने के कुछ देर तक जोकोविच को जमने में मुश्किल होती दिखाई दी लेकिन जल्द ही उन्होंने सेट को अपने नियंत्रण में ले लिया. सर्बियाई खिलाड़ी के शॉट की ताकत और अचूकता से नडाल दबाव में आते दिखाई दिए. पहले सेट में नडाल की सर्विस ब्रेक करते हुए जोकोविच ने 5-4 की बढ़त ले ली. जोकोविच की सर्व पर नडाल का फोरहैंड नेट में उलझा और पहला सेट जोकोविच के खाते में गया.
दूसरे सेट में पूरी तरह जोकोविच का दबदबा रहा और नडाल की सर्व तोड़ते हुए उन्होंने 5-1 की बढ़त हासिल कर ली. इस सेट में नडाल लड़खड़ाते हुए और मैच की उनकी पकड़ से निकलता हुई दिखाई दिया. एक बार फिर अपनी सर्विस बरकरार रखते हुए जोकोविच ने दूसरा सेट भी 6-1 से अपने काबू में कर लिया.
लेकिन राफा को कम आंकना जोकोविच के लिए बड़ी गलती साबित हो सकता था और तीसरे सेट में राफा ने यही साबित किया. इस बार नडाल ने जोकोविच को कोई मौका नहीं देते हुए लगातार सर्विस ब्रेक की और 6-1 से सेट अपने कब्जे में कर लिया. चौथे सेट में मुकाबला बराबरी का दिखाई दिया. पांचवे सेट की ओर मैच जाते देख जोकोविच दबाव में भी आते दिए लेकिन दो बार नडाल की सर्व तोड़ कर उन्होंने 6-3 से सेट और विम्बलडन का खिताब अपनी झोली में डाल लिया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एमजी