रामदेव के अनशन टूटने पर कांग्रेस और बीजेपी खुश
१२ जून २०११कांग्रेस के महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा, "यह अच्छी खबर है कि रामदेव ने अनशन तोड़ दिया है." कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने बड़ी सावधानी से इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अनशन तोड़ने का फैसला रामदेव का है और "इससे कांग्रेस का कोई लेना देना नही है. लेकिन यह उनकी सेहत के लिए अच्छा है. उन्हें पहले ही डॉक्टरों की बात सुन लेनी चाहिए थी."
एक अन्य कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अनशन अब समाधान के बजाय समस्या का हिस्सा बन गए हैं. उनका कहना है, "विरोध के एक बढ़िया तरीके को अस्थिरता का एजेंडा नहीं बनना चाहिए. अब अनशन समाधान के बजाय समस्या का हिस्सा बन गए हैं." उन्होंने दावा किया कि भारत अब उदारवाद के तीसरे दशक में दाखिल हो रहा है और "ऐसे में विरासत से जुड़े कुछ मुद्दों पर रचनात्मक सहयोग की भावना से चर्चा करनी होगी. इसमें व्यवस्था की बेवजह आलोचना से बचना होगा."
रामदेव पिछले नौ दिन से भ्रष्टाचार और विदेशों में काले धन के मुद्दे को लेकर अनशन पर थे. सरकार के साथ बातचीत नाकाम हो जाने के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ मुहिम छेड़ दी और उन्होंने आरएसएस का मुखौटा करार दिया.
सरकार पर वार
वहीं बीजेपी ने रामदेव का अनशन खत्म होने पर राहत की सांस ली है लेकिन सरकार पर अपने हमले जारी रखे हैं. बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें खुशी है कि रामदेव ने अहम संतों और आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत की अपीलों पर अपना अनशन तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता लाल कृष्ण ने पहली बार मई 2009 में काले धन का मुद्दा उठाया और पार्टी ने इसके खिलाफ विशेष मुहिम चलाई.
प्रसाद के मुताबिक, "मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोई कदम उठाने के बजाय रामलीला मैदान में दमनकारी कार्रवाई कराई जो सभ्य लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में दमन की सबसे बुरी मिसाल है." रामलीला मैदान में आधी रात को पुलिस ने अनशन पर बैठे रामदेव और उनके साथियों पर कार्रवाई की जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर सरकार के नकारेपन को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, "बीजेपी इन मुद्दों पर कांग्रेस का भंडाफोड़ करती रहेगी और इस बात को सुनिश्चित करेगी कि भ्रष्टाचार के बारे में लोगों के गुस्से को लोकतांत्रिक तरीके से जाहिर किया जाए."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार