राष्ट्रपति मुबारक ने काहिरा छोड़ा
११ फ़रवरी २०११सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के प्रवक्ता मोहम्मद अब्देल्लाह ने बताया, "मुबारक ने अपने पूरे परिवार के साथ काहिरा छोड़ दिया है. वह अब शर्म अल शेख में है." मिस्र में सरकार विरोध प्रदर्शनों के 18वें दिन मुबारक ने काहिरा छोड़ा है. प्रदर्शनकारी 30 साल से मिस्र पर राज कर रहे मुबारक का तुरंत इस्तीफा चाहते हैं. गुरुवार को मुबारक ने सरकारी टीवी पर कहा कि वह सितंबर में नए राष्ट्रपति चुनाव होने तक राष्ट्रपति बने रहेंगे और पहले किए वादे के मुताबिक चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे.
बताया जाता है कि मुबारक की अब तक की घोषणाओं से नाखुश प्रदर्शनकारी उनके काहिरा छोड़ देने से भी संतुष्ट नहीं होंगे. मध्य काहिरा में सरकारी टीवी स्टेशन की इमारत का घेराव करने वाले हजारों प्रदर्शनकारियों में से एक माग्दी साबरी का कहना है, "उन्हें देश ही छोड़ना होगा, हमारी मांग बिल्कुल साफ है. हम चाहते हैं कि सत्ताधारी एनडीपी पार्टी को ही भंग कर दिया जाए और उसे सत्ता से बाहर कर दिया जाए क्योंकि उसकी वजह से देश बर्बाद हो गया है."
उधर काहिरा के बाहरी इलाके में राष्ट्रपति भवन के बाहर भी हजारों लोग जमा हैं. वहा मौजूद एक 40 वर्षीय प्रदर्शनाकारी ने कहा कि मुबारक देश की जनता की आवाज को नहीं सुन रहे हैं. वह कहते हैं, "लोगों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह राष्ट्रपति भवन में हैं या नहीं. हम राष्ट्रपति पद से उनका इस्तीफा चाहते हैं."
गुरुवार को राष्ट्रपति मुबारक ने अपनी कुछ शक्तियां उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान को सौंपी लेकिन इस्तीफा देने की प्रदर्शनकारियों की मांग को नजर अंदाज कर दिया. शुक्रवार को सेना ने मुबारक का परोक्ष रूप से साथ देते हुए प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन खत्म करने को कहा. सेना ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की मांगों को जायज मानती है लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी सामान्य हालात बहाल करना है. सेना ने देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष राष्ट्रपति चुनाव का वादा करते हुए देश में राजनीतिक सुधारों की वकालत की.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन