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रिश्तों का खेलों से गहरा रिश्ता

७ अगस्त २०१२

लंदन ओलंपिक में शीर्ष खिलाड़ियों पर सबकी नजर है लेकिन इन खिलाड़ियों की किस पर नजरें होती हैं. आम तौर पर अपने परिवार वालों पर, वे जीत के साथ पदकों को परिवार की नजर कर देते हैं. ओलंपिक में ऐसे नजारे खूब दिख रहे हैं.

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तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन की जूडो चैंपियन जेमा गिबन्स ने जब रजत पदक जीता, तो उन्होंने आसमान की तरफ सिर उठाया और उनके मुंह से निकला, "आई लव यू मॉम." गिबसन की मां आठ साल पहले गुजर चुकी हैं.

अमेरिका के स्टार तैराक माइकल फेल्प्स को हराने वाले दक्षिण अफ्रीकी तैराक के पिता बर्ट ले क्लोस ने जब अपने बेटे की जीत देखी, तो अपना शर्ट खींच कर बांध लिया और कहा कि वह अपने "खूबसूरत" बेटे से प्यार करते हैं. क्लोस को अच्छी तरह पता था कि वह लाइव टीवी पर हैं. इंटरनेट पर उस वीडियो को भी खूब देखा जा रहा है, जिसमें अमेरिकी जिमनास्ट अली राइसमन के मां बाप बेटी की कामयाबी पर ओलंपिक स्टेडियम में अपनी सीटों पर उछल रहे हैं.

ओलंपिक में भले ही नाम पदक जीतने वाले खिलाड़ियों का होता हो, लेकिन उनके पीछे उनके परिवार का बड़ा हाथ होता है, जो कई बार अपना पेट काट कर और दूसरी कुर्बानियां देकर अपने बच्चों को खेल के लिए आगे बढ़ाते हैं.

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लंदन में डाना वोल्मर ने तैराकी में शानदार प्रदर्शन कियातस्वीर: REUTERS

लगन और त्याग

लंदन में तीन स्वर्ण पदक जीतने वाली अमेरिकी तैराक डाना वोल्मर की मां कैथी वोल्मर को हर रोज चार घंटे कार चलाना पड़ता था ताकि उनकी बेटी स्विमिंग की प्रैक्टिस कर सकें. वह कार में ही खाना खाती थीं, उनकी बेटी कार में ही होमवर्क करती थी. वोल्मर ने कहा, "डाना जब बीजिंग ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई तो हमें बड़ी निराशा हुई लेकिन हमने उसी निराशा से सबक सीखा. अब इसका फल मिल रहा है."

वोल्मर का कहना है कि बड़े एथलीटों के मां बाप अपने बच्चों की कामयाबी के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं. चाहे इसके बाद उन्हें स्टैंड से ही खेल क्यों न देखना पड़े, "आपको अपने बच्चों में यह भरोसा पैदा करना होता है कि कड़ी मेहनत के बल पर वह कुछ भी कर सकते हैं."

क्यों नहीं बताया

चीनी गोताखोर वू मिनजिया के मां बाप की निंदा हो रही है क्योंकि उन्होंने वू के दादा की मौत को उससे एक साल तक छिपाए रखा और यह भी नहीं बताया कि उसकी मां को कैंसर हो गया है. उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि खेल से उसका ध्यान न भटके. ब्रिटेन के लोबॉरो यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च का कहना है कि पांच चीजें होती हैं, जो किसी एथलीट को चैंपियन बनाती हैं.

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लंदन ओलंपिक में शानदार गोता लगाती वू मिनजियातस्वीर: Reuters

मनोविज्ञानियों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से चार तो उनके अंदर पॉजिटिव ऊर्जा, बहुत ज्यादा प्रेरणा और फोकस के साथ साथ आत्मविश्वास जरूरी होता है. ये चीजें उनके तजुर्बे, कोचिंग, कोच और परिवार से मिल सकती हैं.

सबसे जरूरी परिवार

लेकिन एक पांचवीं चीज भी है, जो खिलाड़ियों को करीबी लोगों से मिलती है और वह सामाजिक समर्थन. यूनिवर्सिटी के खेल मनोविज्ञान सेवा के निदेशक डेविड फ्लेचर का कहना है, "हमने पता किया कि सबसे ज्यादा अहम परिवार ही होता है. सिर्फ मां बाप ही नहीं, बल्कि भाई बहन भी." उनका कहना है कि ऐसे मां बाप के बच्चे सफल होते हैं, जो कामयाबी के लिए जोर नहीं लगाते बल्कि बच्चों में भरोसा पैदा करते हैं, "वे लोग दबाव नहीं डालते बल्कि बिना किसी शर्त के अपना प्यार उंडेलते हैं."

अमेरिकी साइक्लिस्ट टेलर फिनी की मां कॉनी कार्पेंटर खुद भी साइक्लिस्ट रह चुकी हैं और 1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. उनके पति डेविस फिनी ने भी उस ओलंपिक में पुरुषों के टीम साइकिल इवेंट का कांस्य पदक जीता था. कार्पेंटर का कहना है कि परिवार का सहयोग बहुत जरूरी होता है, "इस स्तर पर एथलीटों के लिए बहुत अकेलापन और खीज पैदा करने वाला होता है. मां बाप होने के नाते हम लोग उनकी स्थिति बेहतर कर सकते हैं और हंसी मजाक का मौहाल बना सकते हैं."

ब्रिटिश जिमनास्ट लुई स्मिथ ने जीत के बाद जब रोना शुरू किया तो कैमरे उसकी तरफ ही थे. किसी ने देखा कि उसकी मां एलेना भी जार जार रो रही थीं. एलेना ने अपने दम पर लुई को पाला है और 11 साल से न तो कहीं छुट्टियों पर गईं और न ही किसी के साथ डेट किया. वह पेशे से हेयर ड्रेसर हैं. उनका कहना है, "मैं रो रही थी क्योंकि वह रो रहा था. मैं उसे गले लगाना चाहती थी." लुई स्मिथ ने एक कांसा और एक चांदी जीता.

एजेए/एमजे (रॉयटर्स)