रूस, अमेरिका: रिश्तों में बेहतरी की चाहत
५ जुलाई २००९सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव से मुलाक़ात होनी है.दोनों देशों की बातचीत के दौरान ओबामा की परमाणु हथियारों के मामले में एक नए समझौते के प्रारूप पर चर्चा होनी है.
परमाणु शस्त्रागारों के बारे नए समझौते के प्रारूप और अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के ख़िलाफ़ संघर्ष में रूस के सहयोग पर बातचीत अमेरिका और रूस के बीच होने वाली बैठक के मुख्य मुद्दे हैं. हालांकि दोनों देशों के बीच रूस जॉर्जिया युद्ध, मिसाइल रोधी शील्ड और नाटो देशों के प्रसार को लेकर गहरे मतभेद बने हुए हैं.
1991 की स्ट्रेटेजिक आर्म्स रिडक्शन ट्रीटी (स्टार्ट-1) ख़त्म होने के बाद नए समझौते के प्ररूप पर बातचीत हो रही है. इस पर दिसंबर में हस्ताक्षर किए जाने हैं. इस समझौते का लक्ष्य है फ़िलहाल तैनात प्रक्षेपास्त्रों की संख्या में कमी लाना.
साथ ही अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के ख़िलाफ़ संघर्ष में सहयोग पर भी चर्चा होगी. अब भी अमेरिका के मिसाइल प्रतिरोधी प्रणाली को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद बने हुए हैं.
ओबामा ने रूस के एक समाचार पत्र 'नोवाया गज़ेता' के साथ बातचीत के दौरान कहा "अमेरिका रूस के साथ बेहतर रिश्ते चाहता है क्योंकि दोनों देशों के कई साझा हित हैं जिन्हें पहले की सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया". अमेरिका चाहता है कि रूस की सीमा से होकर उसके हथियार अफ़ग़ानिस्तान भेजे जा सकें, इस बारे में अमेरिका रुस की अनुमति लेने की कोशिश करेगा. इस समझौते के ज़रिए अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता खुल जाएगा.
इन दो महत्वपूर्ण समझौतों के ज़रिए कहा जा सकता है कि अमेरिका और रूस दोनों ही अपने संबंधों में नई शुरुआत लाना चाहेंगे. अगर अमेरिका के शब्दों में कहा जाए तो हाल के तीखे संबंधों में मधुरता लाना चाहते हैं. लेकिन अमेरिका की मिसाइल प्रतिरोधी प्रणाली और नाटो विस्तार के मुद्दे पर दोनों के बीच मतभेद ख़त्म करना आसान नहीं है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः एस गौड़