रूस और भारत में सैन्य समझौते की उम्मीद
३० नवम्बर २०१०रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोव नई दिल्ली में राष्ट्रपति मेद्वेदेव के यात्रा की तैयारी करने पहुंचे. भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से बात करने के बाद उन्होंने कहा, "हमारी बातचीत रूसी राष्ट्रपति की पहली भारत यात्रा पर केंद्रित रही और हम चाहते हैं कि व्यापार, अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष और सैन्य संबंधित कई समझौतों पर हस्ताक्षर करें."
भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह रूस से पांचवी पीढ़ी यानी फिफ्त जेनरेशन के 300 लडा़कू विमान एफजीएफए खरीदेगा. भारत रूस के साथ मिलकर इनका उत्पादन भी करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के एक लड़ाकू विमान का दाम 10 करोड़ डॉलर यानी लगभग पांच अरब रुपए है. रूस में सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि इससे उनके देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा. दिसंबर में मेद्वेदेव की यात्रा के दौरान एफजीएफए से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.
उधर भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का कहना था कि दोनों देश 'एक ही पन्ने पर हैं.' उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश नीति में रूस के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी जाती है. सितंबर में भारत और रूस ने 30 अरब रुपयों के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके तहत दोनों देश यातायात के लिए खास विमान के उत्पादन पर साझेदारी करेंगे.
भारत ने रूस के साथ 270 लड़ाकू सुखोई विमानों खरीदने के लिए समझौता किया है. बाकी 126 विमानों की सपलाई के लिए दुनिया भर की कंपनियों ने अपने आवेदन दिए हैं.
रिपोर्टः एएफपी/एमजी
संपादनः एस गौड़