रूस में मानवाधिकार कार्यकर्ता की हत्या
१५ जुलाई २००९नतालिया के सहयोगी कार्यकर्ता के मुताबिक एक वैन में जबरन खींच कर नतालिया का अपहरण किया गया था. नतालिया चेचन्या में अपने घर से निकल रही थीं जब ये वारदात हुई. नतालिया की लाश इनगुस्तिया में मिली. उनके सिर और छाती पर गोलियों के ज़ख़्म थे.
बताया जा रहा है कि वो वैन में खींचे जाते वक़्त बचाव के लिए चिल्लायी भी थीं.
रूस के राष्ट्रपति दिमीत्री मेदवेदेव ने घटना पर गहरा क्षोभ जताते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
नतालिया एक संस्था के लिए चेचन्या में मानवाधिकारों के हनन के मामलों की जांच कर रही थीं. उनकी जांच में ये भी शामिल था कि किस तरह सरकार समर्थित मिलीशिया ने घरों को जलाने की मुहिम छेड़ी थी.
चालीस साल की नतालिया एस्तेमिरोवा ने आन्ना पोलितकोव्स्कावा जैसी जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता के साथ काम किया है. आन्ना की 2006 में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
2007 में गठित पहले आन्ना पोलितकोव्स्कावा पुरस्कार से भी नतालिया को सम्मानित किया गया था. स्वीडन और यूरोप की संसदों में भी वो सम्मानित हुई थीं.
मानवाधिकार संस्था ह्युमन राइट्स वॉच का कहना है कि नतालिया चेचन्या में एक बहुत जोखिम भरे और संवेदनशील मामले की जांच कर रही थीं. संगठन के मुताबिक इसीलिए उन्हें निशाना बनाया गया. कहा जा रहा है कि हो न हो इस हत्या के पीछे सरकार की ख़ुफिया एजेंसियों का हाथ हो सकता है. हालांकि इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह का काम नतालिया कर रही थीं उससे सिर्फ़ सरकार के भाड़े के मिलीशिया ही डरे हुए हो सकते थे.
इस बीच यूरोपीय संघ ने भी नतालिया की हत्या की कड़ी निंदा की है. और अपराधियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
रिपोर्ट- एजेंसियां, शिव जोशी
संपादन- ओ सिंह