रूसी बैंड के पीछे पड़ी पुतिन सरकार
३० जुलाई २०१२पिछले पांच महीनों से कैथीड्रल ऑफ क्राइस्ट रूस में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया है. यह पुराना रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च 1931 में कम्यूनिस्ट क्रांतिकारियों का निशाना बना जिन्होंने 18वीं शताब्दी में बने चर्च को उड़ा दिया. सोवियत रूस के गिरने के बाद यहां क्रिसमस और ईस्टर मनाया जाता है और राष्ट्रपति पुतिन भी यहां आते रहते हैं.
इस साल फरवरी में पुसी रायट के सदस्य नादेयदा तोलोकोनिकोवा, मारिया आलेखिना और येकातेरिना सामुत्सेविच ने चर्च में एक शो किया. इंटरनेट पर जारी की गई वीडियो में देखा जा सकता है कि इन तीनों लड़कियों ने रंगीन टोपियां और छोटे कपड़े पहन रखे हैं और वे एक गीत गा रहे हैं जिसमें वह मदर मेरी से कह रहे हैं कि पुतिन को "भगा दें." अधिकारियों ने इन महिलाओं को पिछले पांच महीने से हिरासत में रखा था. उनपर "गुंडागर्दी" का आरोप लगा है. अगर आरोप सही साबित होते हैं तो इन्हें सात साल तक की सजा हो सकती है. मॉस्को में काम कर रहीं पत्रकार माशा गेसन का कहना है कि 1930 के दशक में स्टैलिन शासन के दौरान इस तरह के मामले देखने को मिलते थे और पुसी रायट पर कार्रवाई उसी बात की याद दिलाता है.
लोग इस मामले में बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं.रूस के सबसे बड़े सर्च इंजिन यैंडेक्स में पुसी रायट से संबंधित 90 लाख नतीजे मिलते हैं. यूट्यूब में पुसी रायट के वीडियो पर 15 लाख लोग आ चुके हैं. कुछ लोगों को लगता है कि पुसी रायट "अपने ही घर में कचरा भरने जैसा है" लेकिन कुछ कहते हैं कि यह राजनीतिक बदले का रूप ले रहा है. इन लड़कियों के खिलाफ आतंकवादियों जैसी कार्रवाई हो रही है.
मानवाधिकार संगठनों ने बैंड सदस्यों को रिहा करने की मांग की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि यह लड़कियां राजनीतिक कैदी जैसी हैं. कुछ दूसरे सगंठनों के सदस्य कहते हैं कि रूस देश में राजनीतिक विरोध को दबाना चाहता है. रूस के कलाकार भी इस मामले को लेकर एकमत है. हालांकि चर्च में ऐसा करना कुछ लोगों को आपत्तिजनक लगता है, लेकिन फिर भी, पुसी रायट को इतनी कड़ी सजा मिलने के पक्ष में बहुत ही कम लोग हैं.
इस बीच दुनिया भर से संगीतकार पुसी रायट के लिए बोल रहे हैं. अमेरिकी बैंड रेड हॉट चिली पेपर्स के एंथनी कीडिस ने रूस में एक शो के दौरान पुसी रायट का टी शर्ट पहना. ब्रिटेन के संगीतकार स्टिंग ने भी मॉस्को के अपने कंसर्ट में लोगों से पुसी रायट का समर्थन करने की अपील की.
रिपोर्टः रोमान गोंचारेंको/एमजी
संपादनः एन रंजन