रेल हादसे के पीछे आतंकवादी: रूस
२९ नवम्बर २००९शुक्रवार को तेज़ धमाके के बाद नेवस्की एक्सप्रेस मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के बीच धड़धड़ाते हुए पटरी से उतर गई. हादसे में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज़्यादा घायल हुए. जांच अधिकारियों को दुर्घटनास्थल के पास रेलवे ट्रैक पर हुए गड्ढों में विस्फोटकों के सुराग मिले हैं.
जांचकर्ताओं के मुताबिक बम पटरी के नीचे रखा गया था. रूस की राष्ट्रीय ख़ुफ़िया सेवा के प्रमुख एलेक्ज़ेंडर बोर्टनिकोव कहते हैं कि इस बात के सबूत मिले हैं कि क़रीब सात किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया. इसी वजह से रेलवे लाइन के पास डेढ़ मीटर गहरा और क़रीब एक मीटर चौड़ा गड्ढा हो गया.
अभी तक किसी संगठन ने इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. जांच के शुरुआती नतीज़ों के बारे में रूसी रेल के प्रमुख ब्लादिमीर याकूनिन कहते हैं, ''जांचकर्ताओं ने पाया है कि दुर्घटना में अज्ञात विस्फोटक का उपयोग हुआ. साफ साफ कहें तो ये आतंकी कार्रवाई थी.''
हादसे के वक्त ट्रेन 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से चल रही थी. हादसे के तुरंत बाद ड्राइवर ने भी अपने मोबाईल से इमरजेंसी विभाग को भेजे संदेश में कहा कि, ''ट्रेन के नीचे विस्फोट हुआ है. और उसे नहीं पता कि गाडी़ किस चीज़ से टकराई है. गाड़ी पटरी से उतर गई है और वो नहीं जानता और क्या हुआ है.'' चश्मीदीदों के मुताबिक भी हादसे से ठीक पहले एक ज़ोरदार धमाका हुआ और गाड़ी पटरी से उतर गई.
इस बीच रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने जांच अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं. शनिवार को उन्होंने कहा, ''इसकी बारीकी से जांच होनी चाहिए. मैंने इस बारे में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है.''
इसी रेलवे लाइन पर दो साल पहले भी बम धमाके के ज़रिए एक ट्रेन को उडा़ने की कोशिश की गई थी. उस हादसे में भी तीस लोग घायल हुए थे. ताज़ा हमले में भी चेचन्याई चरमपंथी संगठनों के हाथ की आशंका जताई जा रही है. अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ आतंकवाद निरोधी कानून के तहत मुक़दमा दर्ज कर दिया गया है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा