रोशनी से चार्ज होगा मोबाइल
२६ फ़रवरी २०१३बार्सिलोना में चल रही मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान वाइसिप्स नाम की कंपनी इस अनोखी तरकीब के साथ पहुंची है. दरअसल यह एक पारदर्शी फिल्म है जो धूप या रोशनी से चार्ज होने लगती है. सबसे कमाल की बात यह है कि इसकी कीमत केवल एक यूरो यानी करीब 70 रुपये है. मेले के दौरान कंपनी ने फिल्म पर टॉर्च मार कर दिखाया कि कैसे कुछ सेकंड के भीतर ही यह चार्ज होना शुरू कर देती है.
हमेशा चलेगा फोन
वाइसिप्स का कहना है कि इस फिल्म को फोन की बैटरी की जगह नहीं दी जा सकती, लेकिन आपात स्थिति में यह मददगार साबित हो सकती है. कंपनी के सीईओ लुडोविच डेबलोइस ने कहा, "मान लीजिए आपको एक इमरजेंसी कॉल करनी है. आप एयरपोर्ट पहुंचे और आपका बोर्डिंग पास आपके मोबाइल में है, लेकिन आपके फोन की बैटरी खत्म हो चुकी है. ऐसे में आप बस इसे रोशनी में रख दें और यह चार्ज हो जाएगी."
लेकिन यह काम चुटकियों में तो नहीं होगा, आपको इसके लिए थोड़ा सब्र रखना होगा. डेबलोइस बताते हैं, "अगर आप इसे दस मिनट के लिए धूप में रख दें तो आप दो मिनट के लिए बात कर सकते हैं. अगर पूरी तरह रीचार्ज करना चाहते हैं तो छह घंटे तक रखना होगा." डेबलोइस कहते हैं कि कंपनी इस तकनीक का इस्तेमाल विकसित देशों में नहीं, बल्कि अफ्रीका के देशों में करना चाहती है जहां बिजली की कमी है, "बाजार के तौर पर अफ्रीका हमें आकर्षित करता है क्योंकि वहां 50 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के पास फोन है, लेकिन बिजली केवल 40 प्रतिशत इलाके में ही है. इसका मतलब हुआ कि लोगों को फोन चार्ज करने के लिए कोई जरिया चाहिए." साथ ही अफ्रीका में धूप की कोई कमी नहीं है, यह भी एक वजह है कि कंपनी उम्मीद कर रही है कि यह फिल्म वहां हाथों हाथ बिक जाएगी. साथ ही इसकी कम कीमत भी लोगों को अपनी ओर खींचेगी.
सस्ते होते स्मार्ट फोन
वाइसिप्स की इस फिल्म के साथ साथ इस मेले में स्मार्ट फोन भी छाए रहे. वक्त के साथ साथ स्मार्ट फोन बड़े होते जा रहे हैं और इनकी कीमत कम. जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में स्मार्ट फोन पर्सनल कंप्यूटर की जगह ले लेंगे. पश्चिमी यूरोप में हर तीन में से एक व्यक्ति के पास स्मार्ट फोन है. विकासशील देशों में यह संख्या काफी कम है. पर जानकार मानते हैं कि 2015 तक दुनिया की एक तिहाई आबादी के पास ऐसे फोन होंगे जिनके जरिए इंटरनेट से जुड़ा जा सकेगा.
मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में पेश किए जा रहे कई स्मार्ट फोन ऐसे भी हैं जिनकी कीमत केवल 200 यूरो यानी 14 हजार रुपये है. इसमें फायरफॉक्स का नया फोन भी शामिल है. गूगल की तरह इंटरनेट ब्राउजर मोजिला फायरफॉक्स भी अब फोन की दुनिया में उतर गया है. माना जा रहा है कि नोकिया ने विन्डोज 8 के साथ मिल कर लूमिया के जो नए और सस्ते मोडल निकाले हैं उन्हें इस से टक्कर मिल सकती है.
इन सस्ते स्मार्ट फोन के बीच एप्पल एक महंगा विकल्प है. मोबाइल फोन बाजार के जानकार निकोलाउस मोर का कहना है कि इन सस्ते विकल्पों से एप्पल पर दबाव बनना स्वाभाविक है, "जैसी की अटकलें लगाई जा रही हैं, अगर एप्पल एक सस्ता स्मार्ट फोन लाता है तो यकीनन वह उसे नई सुविधाओं से जोड़ेगा." मोर का कहना है कि आम तौर पर लोग एक ही ब्रांड से नहीं जुड़े रहते, उन्हें जहां कोई नया विकल्प मिलता है, वे उसका रुख कर लेते हैं, "लेकिन एप्पल के साथ ऐसा नहीं है." इसी वजह को कुछ जानकार एप्पल की ताकत भी मानते हैं. एक अन्य जानकार अनेटे सिमरमन का कहना है कि एप्पल का अपना एक क्लास है, "उनके पास अभी भी सबसे ऊंचे मार्जिन हैं, तो फिर वे अपनी ही गर्दन क्यों काटेंगे?"
आईबी/एएम (एएफपी)