लंदन में ओलंपिक का आगाज
२७ जुलाई २०१२बीजिंग 2008 ओलंपिक के जरिए चीन ने न सिर्फ भव्य आयोजन कर सबको दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर किया, बल्कि उसने खेलों की दुनिया के बेताज बादशाह अमेरिका को भी पछाड़ते हुए पहला नंबर हासिल कर लिया था. तो क्या उसे मेजबानी का फायदा हुआ था और क्या ब्रिटेन को भी ऐसा फायदा हो सकता है.
पिछली बार सबको चौंकाते हुए ब्रिटेन ने भी 19 स्वर्ण पदक हासिल किए और इस बार निश्चित तौर पर उसे बेहतर करने की कोशिश करेगा.
दो हफ्ते तक लंदन का ओलंपिक गांव पूरी दुनिया को अपनी तरफ खींचता रहेगा और कभी स्वीमिंग के नए रिकॉर्ड बनेंगे, तो कभी ट्रैक एंड फील्ड मुकाबलों के रिकॉर्ड टूटेंगे. हो सकता है कि बीच में डोपिंग जैसे विवाद भी सामने आ जाएं. वैसे कुछ विवाद तो ओलंपिक शुरू होने से पहले ही सामने आ चुके हैं. उत्तर कोरिया की जगह दक्षिण कोरिया का झंडा लगाना और नस्ली टिप्पणी करने की वजह से ग्रीस की एथलीट को निष्काषित कर देना.
बहरहाल, ओलंपिक के 302 पदकों के लिए एक करोड़ से ज्यादा टिकट बेचे जा चुके हैं. इनमें से तीन चौथाई आम दर्शकों को दिए गए हैं, जबकि बाकी के आयोजकों और प्रायोजकों के लिए हैं.
सुरक्षा के उपाय
लंदन को 2005 में आत्मघाती हमले का निशाना बनाया जा चुका है. इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए हैं. यहां तक कि कई घरों की छत पर मिसाइल रोधी प्रणाली भी लगा दी गई है. इसके लिए अदालत ने खास तौर पर आदेश जारी किए. लगभग 55 करोड़ पाउंड की राशि सुरक्षा पर खर्च की गई है.
इन पर होगी नजर
ओलंपिक में सबसे चर्चा 100 मीटर की फर्राटा रेस होती है. इसके लिए जमैका के उसैन बोल्ट पर सबकी नजर होगी. हालांकि उन्हें अपने ही देश के योहान ब्लैक से कड़ी चुनौती मिल सकती है. ओलंपिक में 100 मीटर का फर्राटा जीतने वाले को दुनिया का सबसे तेज इंसान माना जाता है.
इस बार तरणताल पर भी सबकी नजरें होंगी. क्या अमेरिका के माइकल फेल्प्स कुछ और करिश्मा करने वाले हैं. पिछले ओलंपिक में आठ स्वर्ण पदक जीतने वाले फेल्प्स के नाम ओलंपिक में सबसे ज्यादा 14 स्वर्ण पदक हैं और वह उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं, जहां पहुंचना बहुत मुश्किल लगता है. अगर इस बार वह अपने खाते में कुछ और सोने जोड़ लें तो फिर यह सोने पर सुहागा ही होगा.
फुटबॉल के मैच भी बहुत मायने रखते हैं. भले इनकी अहमियत वर्ल्ड कप जितनी नहीं होती लेकिन यह सिर्फ दूसरा मुकाबला होता है, जिसमें दुनिया भर की सारी टीमों को खेलने का मौका मिलता है. हालांकि ब्राजील ने कभी भी ओलंपिक का स्वर्ण नहीं जीता है लेकिन फिर भी वही फेवरिट टीम रहती है. फिलहाल ओलंपिक का स्वर्ण अर्जेंटीना के पास है.
भारत की उम्मीद
आजादी के बाद के इतिहास में सिर्फ 14 पदक जीतने वाले भारतीय दल को अपने निशानेबाजों और पहलवानों से कुछ उम्मीदें हैं. पिछले दो ओलंपिकों से भारत के लिए निशानेबाज पदक जीतते आ रहे हैं. 2008 चीन ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण जीतने वाले अभिनव बिंद्रा फॉर्म में हैं. उनके अलावा गगन नारंग से भी उम्मीद है. पहलवानों में भारत के ध्वज वाहक सुशील कुमार और बॉक्सरों में विजेंदर सिंह से तमगे की उम्मीद है.
लेकिन भारतीय टीम बिना विवादों के पूरी नहीं होती. टेनिस में महेश भूपति ने ओलंपिक पदक विजेता लिएंडर पेस के साथ खेलने से इनकार कर दिया है. ऐसे में इनके लिए पदक जीतना सिर्फ सपना ही साबित हो सकता है.
रिपोर्टः ए जमाल
संपादनः ओ सिंह