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लखदर ब्राहिमी के पास कोई योजना नहीं

२५ सितम्बर २०१२

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत लखदर ब्राहिमी ने सीरिया की स्थिति को गंभीर बताया है. उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान को चेतावनी दी है. उनके भाषण के मसौदे में इस्लाम विरोधी वीडियो भी शामिल है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्राहिमी ने संयुक्त राष्ट्र- अरब लीग के विशेष दूत के तौर पर पहली बार अपनी बात संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान सुरक्षा परिषद के सामने रखी है. उनके मुताबिक सीरिया की "स्थिति बहुत ज्यादा खराब और वह बिगड़ती जा रही है." साथ ही उन्होंने कहा कि "आज या कल में आगे जाने का कोई रास्ता नहीं है." अल्जीरियाई कूटनीतिज्ञ बाहिमी पहली सितंबर से सीरिया के लिए विशेष दूत बनाए गए हैं.

फुल प्लान नहीं

पश्चिमी और अरब देशों ने असद सरकार पर दबाव बनाने के लिए तीन मसौदे रखे थे जिन पर सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों चीन और रूस ने वीटो कर दिया. इन दोनों का मानना है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ सीरिया में सैनिक कार्रवाई करने के बारे में विचार कर रहे हैं ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने लीबिया में किया था.

अन्नान ने छह बिंदुओं वाली शांति योजना के प्रस्ताव में संघर्षरत पार्टियों के बीच युद्धविराम और सरकारी सेना के भारी हथियारों के हटने के बाद संवाद बनाने की कोशिश की थी. लेकिन संघर्ष विराम कभी हुआ नहीं और विवाद बढ़ता ही चला गया.

UN Vollversammlung zu Syrien Ban Ki-moon in New York
तस्वीर: Getty Images

ब्राहिमी ने पहले अपने काम को असंभव करार दिया था. उन्होंनें सुरक्षा परिषद से कहा है कि उन्होंने सीरिया विवाद को खत्म करने के लिए कोई प्लान नहीं बनाया है. "मेरे पास अभी कोई पूरी योजना नहीं है लेकिन कुछ विचार हैं. मैं परिषद से सहमत हूं. मैं जितनी जल्दी हो सकेगा यहां आऊंगा ताकि अपने विचारों को आगे ले जा सकूं."

इधर जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया विवाद पर ढिलाई की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच मतभेद के कारण सीरिया की आम जनता की पीड़ा खत्म नहीं हो पा रही है. "हमारा मानना है कि सुरक्षा परिषद में इस मतभेद के कारण सीरिया और पड़ोसी देशों में शरणार्थियों की स्थिति लगातार गंभीर हो रही है. लेकिन हम हार नहीं मानेंगे. उन लोगों का हम पर कर्ज है."

हालत खराब

ब्राहिमी ने सुरक्षा परिषद में सीरिया के लोगों की स्थिति बताई. उनके मुताबिक 15 लाख लोग अपने घरों से जाने को मजबूर हुए हैं और कम से कम दो लाख अस्सी हजार लोग इराक, जॉर्डन, लेबनान और तुर्की के शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं.

संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के विशेष दूत का अंदाजा है कि असद की सरकार ने तीस हजार से ज्यादा लोगों को जेल या फिर एक गुप्त जगह बंद कर रखा है जहां उन पर अत्याचार किया जाता है. उन्होंने कहा कि हजार से ज्यादा लोग गंभीर अत्याचारों के कारण मारे गए हैं.

संयुक्त राष्ट्र को आशंका है कि 18 महीने से जारी इस हिंसात्मक विवाद में करीब 20 हजार लोगों की मौत हो गई है जबकि सीरिया में पर्यवेक्षक ग्रुप और मानवाधिकार समूह इनकी संख्या 30 हजार के आस पास बताते हैं.

UN-Sicherheitsrat 2011
तस्वीर: AP

बातचीच और संवादों के मामले में गंभीर नहीं होने के आरोप उन्होंने असद पर लगाते हुए कहा कि उनका विश्वास है सीरिया में अभी भी बदलाव संभव है. "मुझे लगता है कि जल्दी ही हमें इस विवाद से बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा. मैं यह मानने से इनकार करता हूं कि समझदार लोग ऐसा सोचते हैं कि अब सीरिया के पुराने दौर में नहीं लौटा जा सकता."

मंगलवार शाम शुरू होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सीरिया मामले में पश्चिमी देशों की कार्रवाई की मांग रखेंगे. वह महासभा की शुरुआत में बोलने वाले मुख्य वक्ताओं में हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद महासभा में ईरान को चेतावनी देंगे. उनके मुताबिक अमेरिका उसे परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की पूरी कोशिश करेगा. साथ ही विश्व के नेताओं से अपील करेंगे कि अमेरिकी कूटनीतिक अभियान पर हमले के खिलाफ सब एक साथ खड़े रहें. परमाणु हथियार वाला ईरान चुनौती नहीं है, लेकिन अमेरिका को डर है कि वह इस्राएल के अस्तित्व के लिए, खाड़ी देशों की सुरक्षा और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा करेगा.

रिपोर्टः नीना वेर्कहॉइजर/आभा मोंढे

संपादनः एन रंजन

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