लग सकते हैं रूस पर यूरोपीय प्रतिबंध
२८ अगस्त २००८यूरोपीय संघ के देशों में सोमवार को जॉर्जिया संकट पर होने वाली शिखर भेंट से पहले गहन संवाद की प्रक्रिया चल रही है तो पैरिस में संघ के वर्तमान प्रमुख फ़्रांस के विदेशमंत्री बैर्नार्ड कुशनेर ने कहा है कि यूरोपीय संघ के नेता रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध की संभावना पर विचार कर रहे हैं.
ब्रसेल्स में होने वाली शिखर भेंट में रूस के साथ संघ के भावी संबंधों पर चर्चा होगी. पोलैंड और बाल्टिक देश कड़े रुख की मांग कर रहे हैं. यूरोपीय शिखर भेंट से पहले पोलैंड और बाल्टिक देशों के नेता अपना साझा रुख तय करने के लिए मिलेंगे.
दोनों पक्षों के बीच चल रहे वाक्युद्ध के बीच फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी और रूस के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई. पश्चिमी देश रूस से जॉर्जिया से अपनी सेनाएं हटाने और दक्षिण ओसेतिया और अबखासिया की आज़ादी की मान्यता को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. रूस और पश्चिमी देशों के बिगड़ते संबंधों के बीच सारकोज़ी ने कहा है कि नाटो रूस का दुश्मन नहीं बल्कि सहयोगी है.
उधर जॉर्जिया संकट के बीच काला सागर में नाटो का सैनिक अभ्यास चल रहा है जिसमें अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और पोलैंड के पोत हिस्सा ले रहे हैं. सैनिक अभ्यास पर रूसी आलोचना को ठुकराते हुए नाटो ने सैनिक अभ्यास को रूटीन मामला बताया है.
दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन की शिखर भेंट में रूस को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला. संगठन के सदस्य देशों ने अबखासिया और दक्षिण ओसेतिया को मान्यता देने की रूस की कार्रवाई को समर्थन नहीं दिया लेकिन विवाद के समाधान में रूस की सक्रिय भूमिका का समर्थन किया. मेदवेदेव ने कहा कि संगठन के सदस्यों का रुख एक है और उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिध्वनि होगी.
चीन सहित छह सदस्य देशों के राज्य प्रमुखों ने अपनी संयुक्त घोषणा में कॉकेशिया में पैदा तनाव पर चिंता व्यक्त की औरबातचीत के ज़रिए मामले का निबटारा करने की अपील की. अभी तक किसी और देश ने अबखासिया और दक्षिण ओसेतिया को मान्यता नहीं दी है लेकिन बेलारूस ने कहा है कि रूस के सामने और कोई चारा नहीं था.
उधर दक्षिण ओसेतिया की सरकार ने कहा है कि 7 अगस्त को लड़ाई की शुरुआत से 1692 लोग मारे गए और 1500 से अधिक घायल हो गए. टिफ़्लिस में आज 26 सैनिकों को दफ़नाया गया. जॉर्जिया ने कहा है कि लड़ाई में उसके 143 सैनिक और 73 नागरिक मारे गए हैं.
गुरुवार को सुरक्षा परिषद में जॉर्जिया संकट पर चर्चा शुरू हुई है. रूसी मान्यता के बाद यह पहली बैठक है लेकिन रूस के वीटो सत्ता होने के कारण किसी प्रस्ताव के पास होने की संभावना नहीं है.