लगार्द ने की भारत की पैरवी, पर नहीं मिला समर्थन
८ जून २०११भारत दौरे पर पहुंची लगार्द ने कहा, "भारत के उचित प्रतिनिधित्व के लिए हमें उसके कोटे को 40 प्रतिशत बढ़ाना होगा और उसकी आवाज को भी. मुझे लगता है कि यह प्रक्रिया चलती रहेगी." लगार्द का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को वर्तमान विश्व की आर्थिक वास्तविकताओं को सही तरह से दर्शाना चाहिए और विकासशील बाजारों को और आवाज देने की जरूरत है.
जनसंख्या को भी देखें
आईएमएफ में भारत का कोटा 2.34 प्रतिशत है. संगठन में कुल 187 सदस्य हैं और इसमें सबसे ज्यादा 16.8 प्रतिशत हिस्सेदारी अमेरिका के पास है. लगार्द ने भारत के बारे में कहा कि (जब उभरते हुए देशों की बात होती हैं तो) "अर्थव्यवस्था के आकार, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में योगदान और फिर जनसंख्या को देखते हुए" आईएमएफ में प्रतिनिधित्व के बारे में सोचा जाना चाहिए.
लगार्द ने अपने एक दिन के दौरे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. मुखर्जी के साथ बातचीत में उन्होंने आईएमएफ में बदलाव के बारे में अपने विचार सामने रखे और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक चुनौतियों में उसकी भूमिका के बारे में बात की. यूरो देशों में आर्थिक संकट को लेकर उन्होंने कहा कि ग्रीस, आयरलैंड और पुर्तगाल के लिए राहत पैकेज तैयार किया जा रहा है.
भारत से कुछ मांगने नहीं आईं
नई दिल्ली में पत्रकारों से लगार्द ने कहा कि वह भारत से न किसी सहयोग और न समर्थन की मांग कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी उम्मीदवारी पेश करने और एक अहम विकासशील बाजार की चिंताओं को समझने भारत आई हैं. फ्रांसीसी वित्त मंत्री से मिलने के बाद भारतीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, "क्रिस्टीन लगार्द को समर्थन देने पर कोई सर्वसम्मति नहीं है. हम इस पर काम कर रहे हैं."
लगार्द भी स्थिति से संतुष्ट दिखीं. उन्होंने कहा, "मुझे समर्थन नहीं मांगना था. मुझे लगता है कि ऐसा करना जल्दबाजी होगी और यह अहंकार भी होगा कि अगर मैं सोचूं मुझे समर्थन मिलेगा." हालांकि फ्रांस की लगार्द का कहना है कि भारतीय नेताओं के साथ उनकी बैठक सकारात्मक रही.
ब्रिक्स देश यानी भारत, चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका ने आईएमएफ प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. ये पांचों देश अब तक एक उम्मीदवार के नाम पर सहमत नहीं हो पाए हैं. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि एक साझा उम्मीदवार होगा या नहीं. दक्षिण अफ्रीका और मेक्सिको से उम्मीदवारों के आने की बात चल रही है. अब तक आईएमएफ का प्रमुख कोई यूरोपीय ही बनता रहा है.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः ए कुमार