"लड़की ने बलात्कारी शाइनी को बचाना चाहा"
८ अप्रैल २०११अदालत ने शाइनी आहूजा के मामले में 30 मार्च को फैसला सुनाया था. गुरुवार को इस फैसले की प्रति सार्वजनिक की गई. अपने फैसले में अदालत ने कहा है, "नौकरानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. उसे एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और पूछा गया है कि झूठी रिपोर्ट जमा कराने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए."
86 पेज के अपने फैसले में अदालत मुख्य तौर पर 20 साल की पीड़ित लड़की के मैजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान पर ही निर्भर रही. हालांकि बाद में लड़की ने अपना बयान वापस ले लिया. कोर्ट ने डीएनए टेस्ट के नतीजों समेत फॉरेंसिक जांच को भी ध्यान में रखा.
सबूतों का इशारा
सेशन जज पी एम चौहान ने सात हालात आधारित सबूतों की ओर इशारा किया जो शाइनी आहूजा को दोषी साबित करते हैं. इनमें से चादर पर मिले वीर्य के निशान के अलावा आहूजा की बाजू पर नाखून के घाव को भी अहम माना गया.
शाइनी आहूजा ने कहा था कि उसके और पीड़ित के बीच सहमति से संबध बने थे क्योंकि लड़की उससे प्यार करती थी. उसने कहा कि लड़की ने घटना से पहली रात उसे कई बार फोन किया. लेकिन अदालत ने इस दलील को खारिज कर दिया.
शाइनी आहूजा की नौकरानी ने जून 2009 में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके आधार पर आहूजा को 14 जून को गिरफ्तार किया गया. तीन महीने बाद उसे जमानत पर रिहा किया गया.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया