लादेन की मौत से पाक अफगान नीति नहीं बदलेगी
६ मई २०११व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्नी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ न्यूयॉर्क जाते वक्त रास्ते में पत्रकारों से कहा, "मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति अफगान पाक नीति में किसी बदलाव का एलान करने वाले हैं. मैंने और दूसरे लोगों ने पहले भी कहा है कि राष्ट्रपति की नीतियां नहीं बदलतीं." जे कार्नी ने कहा कि ओसामा बिन लादेन के खिलाफ ऑपरेशन अपने आप में इकलौता जरूर था लेकिन कई तरह से ये अफगानिस्तान पाकिस्तान में अमेरिका के कार्रवाईयों में आई तेजी से जुड़ा था. कार्नी ने दलील दी कि, "अल कायदा को खत्म करना और उसे हराना राष्ट्रपति की पाक अफगान नीति का पहला लक्ष्य है. इस इलाके में अल कायदा और उसके सदस्यों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है उसकी झलक इस ऑपरेशन से मिली है."
कार्नी से जब ये पूछा गया कि लादने को मारने के ऑपरेशन के बारे में अलग अलग तरह की बातें सामने आ रही हैं, जवाब में कार्नी ने कहा कि ओबामा प्रशासन अभी भी इस ऑपरेशन के बारे में सारे तथ्यों को जुटा रहा है. कार्नी ने कहा, "मोटे तौर पर जो सच सामने आया है उसके मुताबिक अमेरिका के बेहतरीन सैनिकों का दल एक विदेशी मुल्क में रात के अंधेरे में दाखिल हुआ और बिना किसी बाधा के अपना ऑपरेशन पूरा कर उस लक्ष्य को हासिल किया जिसके लिए अमेरिका 10 साल से इंतजार कर रहा था."
लादेन की मौत के बाद की तस्वीरों को सार्वजनिक न करने के राष्ट्रपति बराक ओबामा के फैसले का बचाव करते हुए कार्नी ने दलील दी कि राष्ट्रपति मानते हैं कि इस बात के कई उदाहरण हैं कि इन तस्वीरों का अमेरिकी हितों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है. कार्नी ने कहा, "जब यह सच्चाई है कि ओसामा मारा जा चुका है और उसकी पहचान की पुष्टि हो चुकी है तो तस्वीरों को जारी नहीं करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा."
कार्नी ने राष्टपति ओबामा के ग्राउंड जीरो पर जा कर 11 सितंबर के हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के फैसले को भी उचित बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मानते हैं कि लादेन के साथ न्याय करने के सफल मिशन के बाद न्यूयॉर्क को इस हमले से हुए नुकसान और पीड़ितों को मिली तकलीफों को याद करना एक उचित कदम है."
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः उभ