लाल किले से आह्वान
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. उन्होंने बिना पढ़े भाषण दिया और जता दिया कि उनकी सरकार पांच साल में क्या करेगी.
खून बहाकर क्या मिला?
प्रधानमंत्री मोदी ने सांप्रदायिक, क्षेत्रवादी और माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ने और समाज के सभी वर्गों से साथ आने की अपील की, "खून से धरती ही लाल होगी और कुछ नहीं मिलेगा."
सिर शर्म से झुक जाता है
बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर नाराजगी जताते हुए मोदी ने कहा, "ऐसी घटनाओं से सिर शर्म से झुक जाता है." उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मां बाप को बेटियों से सवाल करने के बजाए बेटों से सवाल पूछने चाहिए.
तिजोरी भरने का चक्कर
कन्या भ्रूण हत्या के मामलों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से अपील की कि वो अपनी तिजोरी भरने के चक्कर में बेटियों की बलि न चढ़ाएं. मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार का क्या नजरिया जाहिर कर दिया.
स्वच्छ भारत
लंबे अरसे से चली आ रही बुनियादी समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने अगले चार साल में देश को साफ बनाने का एलान किया. जनभागीदारी का आह्वान करते हुए उन्होंने दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर देशव्यापी सफाई अभियान छेड़ने का एलान किया.
टॉयलेट बनाओ
साल भर के भीतर हर स्कूल में लड़कियों और लड़कों के लिए अलग शौचालय बनाने का योजना भी शुरू होगी. सासंदों, विधायकों और कॉर्पोरेट जगत से इस जिम्मेदारी के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
जॉब और सर्विस में अंतर
"प्राइवेट में काम करने वाला कहता है कि मैं जॉब करता हूं. सरकारी नौकरी करने वाला कहता है, मैं सर्विस करता हूं. इन दोनों में अंतर है. सरकारी सेवा में लोग सर्विस कर रहे हैं जॉब नहीं, इस भाव को पुनर्जीवित करना है."
हर किसी का बैंक अकाउंट
गरीबी से निपटने के लिए हर नागरिक के लिए बैंक अकाउंट खोलने का एलान किया गया है. खाताधारक के लिए एक लाख रुपये के बीमे का प्रावधान भी होगा. मोबाइल फोन से बात करके भी बैंक खाते को चलाया जा सकेगा.
हल से हरियाली
किसानों को देश का अन्नदाता बताते हुए प्रधानमंत्री ने साफ किया कि खेती पर भी सरकार का जोर होगा, "कंधे पर हल हो तो धरती पर हरियाली दिखती है." संसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गांवों के विकास की जिम्मेदारी सांसदों की होगी.
जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में क्रांतिकारी बदलावों का एलान करते हुए उन्होंने कहा कि, "बाहर से छोटा मोटा सामान आयात करने के बजाए कई चीजें खुद बनानी चाहिए." सामान इतना बढ़िया हो कि उसमें जरा भी कमी न हो और पर्यावरण को नुकसान भी न पहुंचे.
मेक इन इंडिया
भारत को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अग्रणी बनाने के लिए उन्होंने दुनिया भर की कंपनियों को भारत आने का न्योता भी दिया. युवाओं से उन्होंने हर क्षेत्र में कुशलता हासिल करने की अपील की.
अलविदा योजना आयोग
सोवियत संघ की तर्ज पर बना योजना आयोग अब खत्म किया जाएगा. उसकी जगह एक नई संस्था लेगी.