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लीबिया में अमेरिकी राजदूत की मौत

१२ सितम्बर २०१२

लीबिया में अमेरिकी कांसुलेट पर विरोध प्रदर्शनकारियों के हमले में अमेरिकी राजदूत सहित तीन कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है. त्रिपोली के गृह मंत्रालय ने यह समाचार दिया है.

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तस्वीर: Reuters

लीबियाई अधिकारी के हवाले से रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने लिखा है कि जिस समय रॉकेट हमला हुआ उस समय राजदूत और ये तीन कर्मचारी सुरक्षित जगह पर जा रहे थे.  बेनगाजी में सुरक्षा कर्मियों और विरोध प्रदर्शनकारियों के बीच अमेरिकी कांसुलेट में देर रात झड़प हुई.

अमेरिका ने इस घटना की पुष्टि करते हुए हमले की निंदा की है. मंगलवार देर रात लीबियाई शहर बेनगाजी में अमेरिकी कांसुलेट के दफ्तर पर यह हमला हुआ. स्थानीय रिपोर्टों का यह भी कहना है कि इमारत पर रॉकेट हमले भी किए गए.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नुलैंड ने बताया, "हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि लीबिया के बेनगाजी में हमारे ऑफिस पर कुछ उग्रवादियों ने हमला किया. हमारे कूटनीतिक मिशन पर हुए इस हमले की हम कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं."

लीबिया के उप गृह मंत्री वानिस अल शरेफ ने बताया कि इस हमले में एक अमेरिकी अधिकारी की मौत हुई है. अल शरेफ के शब्दों में, एक अमेरिकी मारा गया है और दूसरे को हाथ में चोट लगी है. बाकी कर्मचारियों को यहां से निकाल लिया गया था वह सुरक्षित हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने एक अमेरिकी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए पहले कहा था, "हम इस नुकसान से बहुत दुखी हैं." लीबिया में हुई क्रांति के दौरान बेनगाजी विपक्षियों के गढ़ के तौर पर उभर कर आया था. इस इलाके में गद्दाफी के जाने के बाद भी अशांति बनी हुई है.

Libyen Bengasi Anschlag auf US-Konsulat
तस्वीर: Reuters

काहिरा में भी

बेनगाजी की ही तरह काहिरा में भी मंगलवार को गुस्साए विरोध प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास पर हमला बोल दिया. उन्होंने यहां लगे अमेरिकी झंडे को हटा दूसरा लगा दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया, "काहिरा में मिस्र की पुलिस ने दूतावास में घुस आए विरोध प्रदर्शनकारियों को हटा दिया है."

काहिरा का अमेरिकी दूतावास दुनिया के सबसे बड़े दूतावासों में से एक है और यह दोनों देशों के बीच लंबे रिश्तों का सबूत है.

शुरुआती रिपोर्टों में सामने आया था कि विरोध एक फिल्म को लेकर शुरू हुआ. कहा जा रहा है कि इस फिल्म में पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया गया है. यह फिल्म कहां से आई इस पर काफी मतभेद हैं.

अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जरनल के मुताबिक इस फिल्म का नाम 'इनोसेन्स ऑफ मुस्लिम्स' है. इसे पिछले साल सैम बासिले ने बनाया था. बासिले ने कहा कि यह राजनीतिक फिल्म है धार्मिक नहीं.

हालांकि इस फिल्म को फ्लोरिडा के विवादास्पद पादरी टेरी जोन्स के कारण भी सहयोग मिला. जोन्स ने कुरान जलाने की धमकी दी थी. 

एएम/ आईबी (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)