लोकपाल के लिए बढ़ सकता है संसद सत्र
२० दिसम्बर २०११मंगलवार को भारत सरकार की ओर से घोषणा की गई कि सरकार इसी सत्र में लोकपाल बिल लाना चाहती है और इस वजह से संसद का सत्र 27 से 29 दिसंबर तक अतिरिक्त रूप से चलाया जाएगा. लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने एलान किया कि अभी इस बारे में पक्का फैसला नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बारे में अंतिम निर्णय बुधवार की बैठक के बाद किया जाएगा. बंसल के मुताबिक जब सरकार ने सत्र बढ़ाने का एलान किया, तो कुछ विपक्षी पार्टियों और सांसदों ने इसका विरोध किया.
नए कानून के जरिए एक शक्तिशाली लोकपाल बनाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ राजनीतिज्ञों और अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जांच और उन पर मुकदमा चलाने की होगी. उधर संसदीय कार्य मंत्रालय ने कहा है कि बचे हुए बिलों पर विचार करने के लिए उसका सत्र 27 दिसंबर से तीन दिनों के लिए बढ़ाया जा रहा है.
अगस्त में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकपाल बिल के आरंभिक मसौदे का विरोध करने के लिए 12 दिनों का अनशन किया था. उनके समर्थकों का कहना है कि सरकारी मसौदा भ्रष्टाचार को रोकने में सक्षम नहीं था. अन्ना हजारे ने सरकार पर मजबूत लोकपाल बिल लाने के लिए लगातार दबाव बनाए रखा है. अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन सारे देश में फैस गया और वह सामान्य लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर लाने में कामयाब रहा. लोग घुसखोरी की संस्कृति और हर ठेके में हिस्सा लेने की संस्कृति से परेशान हो गए हैं.
लोगों का गुस्सा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की गठबंधन सरकार के लिए एक धक्के की तरह था, जिसे पिछले महीनों में कई भ्रष्टाचार कांडों का सामना करना पड़ा था जिसमें उसके वरिष्ठ मंत्री शामिल थे. उनमें से कुछ इस समय जेल में बंद हैं. कैबिनेट में पास किए जाने वाले बिल का ब्यैरा अब तक सामने नहीं आया है. लेकिन मुख्य विवाद इस बात को लेकर है कि उसके दायरे में कौन कौन आएगा. अन्ना हजारे का आंदोलन इस बात की मांग कर रहा है कि प्रधानमंत्री, न्यायपालिका और कनिष्ठ अधिकारियों को भी लोकपाल के दायरे में लाया जाना चाहिए.
हजारे ने फिर धमकी दी है कि यदि मसौदा उनकी मांगों के अनुरूप नहीं होता है तो वे फिर से 27 दिसंबर से अनशन करेंगे. संसद का वर्तमान अधिवेशन 21 दिसंबर को समाप्त होने वाला था लेकिन उसे बढ़ा दिया गया है.
उधर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अन्ना हजारे की टीम पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार चाहे कुछ करे, वे लोकपाल बिल का विरोध करने का कोई और बहाना ढूंढ लेंगे. अन्ना हजारे के आंदोलन के कट्टर विरोधी दिग्विजय सिंह ने यह आरोप भी लगाया है कि अन्ना का प्रस्तावितअनशन मुंबई इसलिए ले जाया जा रहा है कि वह चंदा इकट्ठा करने का बेहतर मौका देता है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि अन्ना का एक राजनीतिक एजेंडा है.
रिपोर्ट: एएफपी, पीटीआई/महेश झा
संपादन: ए जमाल