वर्ल्ड कप पर फिक्सिंग का साया
१ मार्च २०११ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाजी शेन वाट्सन और ब्रैड हेडिन ने पहले 11 ओवर में सिर्फ 28 बनाए जबकि 15 ओवर में टीम का स्कोर 53 रन था. हालांकि यह मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया लेकिन खासकर पहले दो ओवरों में बेहद धीमी गति से रन बनाने की आईसीसी ने पड़ताल की. सूत्रों का कहना है कि जब वाट्सन और हैडिन की धीमी शुरुआत को लेकर सवाल उठे तो आईसीसी की भ्रष्टाचार निरोधी यूनिट ने गुपचुप तरीके से मैच की समीक्षा की.
स्पॉट फिक्सिंग मामले में तीन पाकिस्तानी क्रिकेटरों पर प्रतिबंध लगाए जाने के चलते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट फिक्सिंग से पूरी तरह आजाद नहीं है. आईसीसी का कहना है कि उसकी भ्रष्टाचार निरोधी यूनिट वर्ल्ड कप के दौरान हो रहे सभी मुकाबलों पर नजर रखे हुए है और ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की धीमी शुरुआत ने उनका ध्यान खींचा. एक सूत्र के मुताबिक, "वे कोई मौका नहीं गंवाना चाहते हैं. सभी मैचों पर कड़ी नजर रखी जा रही है ताकि अगर कहीं कोई स्पॉट फिक्सिंग का संकेत भी मिले तो उसकी तह तक जाया जा सके."
उधर ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच टिम नेल्सन ने अपनी सलामी जोड़ी की धीमी शुरुआत का बचाव किया है. उनका कहना है, "मुझे लगता है कि वे मैच में अच्छा खेले. इस बारे में हर किसी की अपनी राय है कि वे धीमे क्यों खेले. लेकिन अगर जिम्बाब्वे को हमारे खिलाफ कुछ करना था तो उन्हें अपने स्पिनरों के जरिए जल्दी विकेट लेने की जरूरत थी. हमने उसी तरह खेला जो हमें सही लगा."
पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान राशिद लतीफ पहले की यह आशंका जता चुके हैं कि वर्ल्ड कप का फॉर्मेट कुछ इस तरह का है कि जिससे सट्टेबाज खिलाड़ियों को फंसा सकते हैं क्योंकि सभी मजबूत टीमों का ग्रुप मैच से क्वॉर्टरफाइनल में जाना तय है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एस गौड़