वह हिरण जो पालतू कुत्ता बन गई है
३ फ़रवरी २०१२अनीता एकरमन कहती हैं कि उनके कुत्ते भी मिया हिरण की देखभाल करते हैं, "हमारा लेबराडोर कुत्ता जोसी शुरू से मिया के साथ दोस्ताना रवैया अपना रहा है. कॉली लूना ने भी उसे अपनी चाची मान लिया है." नतीजा यह निकला कि मिया हिरण अब खुद को कुत्ता समझने लगी है.
एकरमन परिवार में मिया की पक्की जगह बन गई है. दो कुत्तों के सोने की जगह के बीच उसके सोने की जगह तैयार कर दी गई है. गर्म कंबल बिछा दिए गए हैं. पेशे से नर्स एकरमन का कहना है कि खाली वक्त में वह शिकार करने जाती हैं. पिछले साल एक कार ने मिया की मां को टक्कर मार दी. उसके बाद एक जंगल अधिकारी ने अनाथ हो चुकी इस हिरण को एकरमन के हाथों सौंप दिया. एकरमन ने पूरी देखभाल की और शुरू में उसे वॉशिंग बास्केट में सुलाया.
आज मिया दो कुत्तों के साथ घर के आस पास घूमती है. रसोई में उसके लिए अलग से प्याला रख दिया गया है. नैसर्गिक जरूरतों के लिए अगर घर से बाहर जाना हो, तो कुत्तों की तरह ही एकदम दरवाजे पर खड़ी हो जाती है. एकरमन हंसते हुए कहती हैं, "वह एक ही चीज नहीं कर पाती है. वह भौंक नहीं पाती है." एक बार उन्होंने देखा कि वह कुत्तों के खाने को भी मजे से खा रही है.
आम तौर पर मिया घर के आस पास उगी घास और साग सब्जी खाती रहती है. वह घंटों बाहर रहती है लेकिन घर जरूर लौट जाती है. अनीता के पति एर्न्स्ट एकरमन का कहना है कि मिया को उनका घर बहुत पसंद है. वह कहते हैं, "अगर उसे पिंजरे में पाला जाता, तो वह मौका मिलते ही जरूर भाग जाती."
हालांकि एकरमन का परिवार शिकारियों का परिवार है लेकिन मिया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. परिवार के लोग उसके सामने राइफल या छाता जैसी चीजें निकालते हैं लेकिन हिरण मजे में रहती है. अनीता एकरमन का कहना है कि उन्होंने खुद तीन हिरण मारे हैं लेकिन मिया का रुतबा तो खास है. अनीता कहती हैं, "हमारे शिकारी दोस्त भी मिया पर निशाना नहीं लगा सकते क्योंकि वह गर्दन पर एक खास ऑरेंज बैंड बांधती है."
मिया हिरण जब से घर में आई है, उसने घर की कोई चीज नहीं तोड़ी है. वह आवारा जानवरों की तरह किसी सामान पर नहीं चढ़ती है और बहुत साफ सुथरा रहती है. एकरमन परिवार कहता है, "इसकी देखभाल करना बहुत आसान है."
तो क्या हिरण पालतू जानवर है. "नहीं." एकरमन का कहना है कि हिरणों को जंगल में ही रहना चाहिए. मिया हिरण का मामला अलग था क्योंकि वह मुसीबत में फंसी थी. अगर इंसानों ने मासूम हिरण का साथ नहीं दिया होता, तो उसका बचना मुश्किल था.
एल्सशाइड के एकरमन परिवार की सदस्य मिया हिरण अब इस घर के बाहर रहने का सोच भी नहीं सकती.
रिपोर्टः डीपीए/ए जमाल
संपादनः महेश झा