वामपंथियों से हो सकता है समझौता: मनमोहन
१६ अप्रैल २००९प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें वामदलों का साथ छूटने का अफ़सोस है लेकिन चुनाव के नतीजे आने के बाद यदि ज़रुरत हुई तो उनके साथ फिर से संबंध कायम हो सकता है.
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीपीएम के महासचिव प्रकाश कारत ने कहा कि इसकी कोई संभावना नहीं है और उनकी पार्टी गैर-कांग्रेस, गैर-बीजेपी सरकार के गठन की कोशिश कर रही है. सीपीआई के सचिव डी राजा ने भी कहा हमें कई नीतियों पर मनमोहन सिंह और उनकी सरकार के साथ समस्या हैं.
मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय दल राष्ट्र के विकास में बाधा हैं. इस पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया थी कि क्षेत्रीय दल ही क्षेत्र की समस्याओं से परिचित होते हैं और यदि क्षेत्र कमज़ोर हुए तो केंद्र भी मज़बूत नहीं रह सकता.
गुरूवार को पहले चरण के मतदान में 1,715 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाएंगे. निर्वाचन आयोग ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये हैं. 15 राज्यों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों में फैली 124 लोकसभा सीटों पर चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान होगा. इन सीटों पर तो चुनाव प्रचार मंगलवार की शाम ही रुक गया था, लेकिन शेष सीटों पर प्रचार गर्मी पकड़ता जा रहा है.
कर्नाटक के बीदर में एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी को आरएसएस का गुलाम बता दिया. दरअसल आडवाणी और उनके पार्टी के सहयोगी पिछले सालों में जिस तरह से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर व्यक्तिगत हमले करते रहे हैं, उनसे कांग्रेस और ख़ुद मनमोहन सिंह तिलमिला गए हैं और पलट कर वार कर रहे हैं.
इस बार चुनाव के नतीजों को लेकर अटकलों का बाज़ार कुछ कम गर्म रहेगा क्योंकि निर्वाचन आयोग ने सभी पांच चरणों का मतदान समाप्त होने तक, यानी 13 मई तक सभी तरह के एग्जिट पोल पर पाबंदी लगा दी है.