क्या पाकिस्तान में वायु प्रदूषण के लिए भारत जिम्मेदार है
४ नवम्बर २०२४पाकिस्तान के शहर लाहौर में वायु प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की वजह से प्राइमरी स्कूलों को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया है.
सरकारी आंकड़ों और स्विस वायु गुणवत्ता निगरानी समूह आईक्यूएयर द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लाहौर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की तालिका में शीर्ष पर पहुंच चुका है.
बीते दिनों शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 1,900 पहुंच गया था जो स्थानीय सरकार के लिए हैरान करने वाला आंकड़ा था. बता दें कि 300 से ऊपर का एक्यूआई खतरनाक की श्रेणी में आता है.
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सरकार ने क्या कदम उठाए
मौजूदा हालात पर पंजाब प्रांत की मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अपने घरों से बाहर न निकलें. यह स्मॉग बच्चों के लिए खतरनाक है. स्कूलों में मास्क अनिवार्य होना चाहिए. हम सीनियर क्लास के बच्चों के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं."
उन्होंने आगे कहा, "गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दिया गया है और अस्पतालों को स्मॉग काउंटर दिए जाएंगे."
प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने पेट्रोल-डीजल से चलने वाले तीन पहिए वाले रिक्शे पर प्रतिबंध लगाया है और कई जगहों पर निर्माण कार्य बंद करने के आदेश दिए हैं.
सरकार ने फैक्ट्रियों, वाहनों और फसल अवशेष जलाए जाने की निगरानी के लिए विशेष पुलिस बल भी तैनात किए हैं.
भारत को बताया जिम्मेदार
औरंगजेब ने लाहौर में खराब होती हवा के लिए पड़ोसी भारत को जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि भारत से आने वाली हवा अपने साथ प्रदूषण लेकर आती है जिससे लाहौर की हवा खराब हो रही है.
उन्होंने कहा, "भारत से बात किए बगैर और बिना दोनों देशों के प्रयासों से इस मुद्दे को हल नहीं किया जा सकता है."
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क्या भारत सच में जिम्मेदार है
पंजाब के पर्यावरण संरक्षण विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 से लेकर 2023 तक के पांच सालों में लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार गिरा है.
यह रिपोर्ट दिखाती है कि खराब वायु गुणवत्ता के प्रमुख स्रोत में उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआं शामिल है. इसके अलावा खेती की पद्धतियां, जैव ईंधन और कचरे को जलाना, धूल और सीमा पार से आने वाला प्रदूषण अन्य स्रोतों में शामिल हैं.
इसके अलावा ईंट भट्ठे, कपड़ा उद्योग, स्टील कारखाने, कागज और पेपर बनाने वाली मिलों से निकलने वाला धुआं पंजाब प्रांत में वायु प्रदूषण के लिए बड़े स्तर पर जिम्मेदार है.
वायु प्रदूषण से नुकसान
सर्दियों की शुरुआत के साथ ही भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में स्मॉग की समस्या काफी बढ़ जाती है क्योंकि ठंड की वजह से प्रदूषण जमीन के नजदीक रुक जाता है और ऊपर नहीं आ पाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वायु प्रदूषण कई बीमारियां पैदा कर सकता है. लंबे समय तक खराब हवा के संपर्क में रहने से दिल का दौरा, दिल से जुड़ी बीमारियां, फेफड़ों का कैंसर और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से इसका बुरा असर पड़ सकता है क्योंकि उनके फेफड़े कम विकसित होते हैं. यूनिसेफ के अनुसार, दक्षिण एशिया में लगभग 60 करोड़ बच्चे खतरनाक स्तर के वायु प्रदूषण के संपर्क में हैं.
एवाई/आरपी (रॉयटर्स/एएफपी/डीपीए)