विरोध के लिए इटली के शहर ने शुरू की अलग मुद्रा
४ सितम्बर २०११मध्य इटली में राजधानी रोम से पूरब की तरफ करीब 100 किलोमीटर दूर एक छोटा सा शहर है फिलेटिनो. फिलेटिनों इटली से आजाद होने की कोशिश कर रहा है. पैसा बचाने के लिए दूसरे शहर के साथ मिल जाने के इटली सरकार प्रस्ताव पर महज 550 की आबादी वाले इस शहर ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है. पड़ोस के शहर ट्रेवी के साथ विलय करने की बजाय मेयर लुगा सेल्लारी अकेले ही अपनी अर्थव्यवस्था चलाने के मूड में हैं.
सेल्लारी इटली के उत्तर में मौजूद रिपल्बिक ऑफ सैन मैरिनों की तर्ज पर अलग रियासत बसाने की तैयारी कर रहे हैं. सेल्लारी ने फिलेटिनो की अलग बैंक मुद्रा छापनी शुरू कर दी है जिसे फियोरिटो नाम दिया गया है. इस मुद्रा के पीछे उनकी तस्वीर बनी है और उनके मुताबिक लोग काफी पहले से ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. शहर के नाम पर बनी वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में सेल्लारी ने कहा है, "हमारा लक्ष्य इटली से वास्तविक स्वायत्तता हासिल करना है और इस काम के लिए हमारे पास आर्थिक संसाधन मौजूद हैं." इटली की सरकार के तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. पूरे देश में शहरों के मेयर स्थानीय सरकारों के खर्च में कटौती के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. 2013 तक इटली की सरकार को देश का बजट संतुलित करने के लिए कम से कम 45.5 अरब यूरो की बचत करनी है. इसके लिए स्थानीय सरकारों को खर्च में कटौती का प्रस्ताव दिया गया है. शहरों के मेयर सरकार का विरोध करने के लिए सोमवार को मिलान में एक विरोध प्रदर्शन भी करने जा रहे हैं.
मेयरों के इस विरोध प्रदर्शन ने इटली की सरकार को दोहरी मुसीबत में डाल दिया है क्योंकि खर्च में कटौती के लिए उस पर यूरोपीय संघ की तरफ से भारी दबाव है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक ईसीबी के अध्यक्ष ज्यां क्लाउडे ट्रिषे ने शनिवार को जोर देकर कहा कि इटली की सरकार जल्दी से कदम उठाए ताकि घबराए बाजार को कुछ भरोसा दिया जा सके.
प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी के माथे पर इस हफ्ते सामने आए नए घोटालों की खबर ने बल डाल दिया. उनकी विभाजित सरकार इस बात से चिंता में पड़ गई है कि क्या 1.9 खरब यूरो के कर्ज के नीचे डूबे इटली को उबारने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का कोई प्रस्ताव पारित हो पाएगा. इटली के बॉन्ड्स पर बाजार का दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में ट्रिषे ने फिर दोरहाया है कि सरकार को पिछले महीने ली अपनी शपथ को पूरी करनी होगी. इटली ने की सरकार ने कहा था कि 2013 के बजट को संतुलित करने के लिए वह बहुत जल्द कड़े कदम उठाएगी.
उत्तरी इटली के शहर केरनोब्बियो में एक कांफ्रेंस के दौरान ट्रिषे ने कहा, "निश्चित रूप से वह फैसले की घड़ी आ गई है जब इटली को अपनी रणनीति और साख में लोगों का भरोसा बचाने के लिए कदम उठाना है."
कर्ज की कीमत नियंत्रण से बाहर न जाए इसके लिए बाजार से इटली के बॉन्ड खरीद रहे यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने साफ कहा है कि इटली को तुरंत कदम उठाने होंगे. ऐसी अटकलें हैं कि रोम पर दबाव बढ़ाने के लिए वह इटली के बॉन्ड की खरीदारी को कम कर सकता है. इटली की संसद ने अभी खर्च में कटौती के प्रस्तावों को मंजूरी नहीं दी है. खतरा इतना बड़ा है कि अगर यूरोपीय बैंक ने जरा सा भी संकेत दे दिया कि वह अब इस खरीदारी को कम कर रहा है तो इटली ग्रीस जैसे आर्थिक आपातकाल के चंगुल में फंस जाएगा.
राजनीतिक विभाजन
इटली के राष्ट्रपति जॉर्जियो नेपोलितानो ने कहा है कि लगातार एक के बाद एक सरकारें बढ़ते कर्ज को रोक पाने में नाकाम हुई हैं और अब तुरंत कार्रवाई करना बेहद जरूरी है. संकट के इस दौर में राष्ट्रपति ने अहम भूमिका निभाई है और राष्ट्रप्रमुख के रूप में अपने अधिकारियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को खत्म कर समझौतों और बजट उपायों के लिए राजनेताओं को तैयार किया है. हालांकि इसके बावजूद कैबिनेट इन प्रस्तावों को ठोस रूप देने में नाकाम रहा है. आर्थिक मामलों के मंत्री गिलियो त्रमोंती बर्लुस्कोनी और सरकार के साथ खड़े नहीं दिखते औऱ इससे मुसीबीत बढ़ रही है. अटकलें तो ये भी गर्म हो रही हैं कि 2013 में अपना कार्यकाल पूरा करने के पहले ही सरकार गिर सकती है और ऐसे में थोड़े दिनों के लिए सत्ता कुछ टेक्नोक्रैट्स के हाथ में भी जा सकती है.
टैक्स और पेंशन पर सरकार के बीच मतभेदों ने उसे अपने पैर वापस खींचने पर विवश किया है. ज्यादा आमदनी वालों पर टैक्स बढ़ाने और पेंशन की उम्र में इजाफा करने के प्रस्ताव को विरोध के बाद वापस लेना पड़ा. बर्लुस्कोनी का ध्यान खर्चों में कटौती पर कितना है इस पर इसी हफ्ते उठे ताजा विवाद ने और ज्यादा आशंकाए पैदा कर दी हैं. मजिस्ट्रेट ने एक कारोबारी को 2009 के सेक्स स्कैंडल के सिलसिले में गिरफ्तार किया है. इस शख्स को इस मामले में प्रधानमंत्री से 5 लाख यूरो की रकम ऐंठने के आरोपों में गिरफ्तार किया है. बर्लुस्कोनी ने किसी भी अवैध भुगतान से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि राजनीतिक दुर्भावना से मजिस्ट्रेट उन्हें पद से हटाना चाहते हैं और ये मामला बिल्कुल झूठा है. प्रधानमंत्री इस तरह के दर्जनों विवादों में पहले से ही घिरे हैं हालांकि उन्होंने अपने पद पर इसकी आंच नहीं आने दी है. शहरों का विरोध, ईसीबी का दबाव, विभाजित सरकार और सेक्स विवादों में घिरे प्रधानमंत्री वाला इटली कैसे उबरेगा, यह देखना अब दिलचस्प होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह