विवाद सुलझाने के लिए क्लिंटन मध्यपूर्व में
१४ सितम्बर २०१०सितंबर के आरंभ में नई मध्यपूर्व वार्ता की शुरुआत के बाद इलाके के अपने पहले दौरे पर क्लिंटन मिस्र के शर्म अल शेख में इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू और फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिल रही हैं. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री ने वार्ता की तैयारी में मिस्र का मन टटोलने के लिए राष्ट्रपति होसनी मुबारक से मुलाकात की. मुबारक इस वार्ताओं में महत्वपूर्ण अरब मध्यस्थ हैं.
वार्ताओं से पहले इस्राएल और फलीस्तीनी प्रतिनिधियों की गई टिप्पणियों से ऐसा नहीं लगता कि अधिकृत वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों के विस्तार पर कोई सहमति संभव हो. फलीस्तीनी वार्ताकार साएब एरेकात ने कहा है, "बस्ती निर्माण किसी भी रूप में जारी रखने का मतलब वार्ता को नष्ट करना होगा." इससे पहले प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने रविवार को कहा कि वे निर्माण पर आंशिक रोक की अवधि नहीं बढ़ाएंगे लेकिन उन्होंने भविष्य में किसी निर्माण को रोकने का संकेत दिया.
हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि इस्राएल और फलीस्तीन दोनों को ही इस्राएली योजना पर मतभेदों को सुलझाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, मेरे लिए यह बहुत आसान पसंद है, वार्ता नहीं, सुरक्षा नहीं, देश नहीं. क्लिंटन ने इस्राएल से रोक को बढ़ाने की राष्ट्रपति बराक ओबामा की अपील को दोहराया और कहा, "मैं समझती हूं कि लक्ष्य तक पहुंचने के कई रास्ते हैं. लक्ष्य सीमा और भूमि जैसे मुख्य मुद्दों पर सहमति है, जिस पर यदि सहमति हो जाती है तो बस्ती पर बहस समाप्त हो जाएगी."
इस्राएली प्रधानमंत्री नेतान्याहू के शर्म अल शेख के लिए रवाना होने से पहले एक इस्राएली अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री वार्ता में बाधा नहीं डालना चाहते हैं.
वार्ता से किसी महत्वपूर्ण नतीजे की उम्मीद नहीं की जा रही है. अधिकारियों ने कहा है कि मंगलवार को बातचीत के बाद न तो प्रेस कांफ्रेंस होगा और नही कोई संयुक्त बयान जारी किया जाएगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए जमाल