विस्फोट में आठ अफगान बच्चों की मौत
१९ सितम्बर २०१०कुंदुज प्रांत के अली आबाद जिले में यह घटना हुई है. शनिवार को संसद के चुनाव के दौरान तालिबान की ओर से यहां रॉकेटों से लगातार हमले किए जा रहे थे. अली आबाद कि जिला प्रमुख हबीबुल्ला मोहतसिम ने सूचना दी है कि सात बच्चों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि अस्पताल ले जाते समय एक और बच्चे की मौत हुई. उनके अनुसार या तो यह रॉकेट शनिवार को नहीं फटा था, या किसी भावी हमले के लिए उसे वहां छिपाकर रखा गया था. कुंदुज के निकट अफगानिस्तान में तैनात जर्मन टुकड़ियों की छावनी है.
इस बीच खबर है कि जर्मन सेना अफगानिस्तान से अपने टोही टोर्नाडो विमानों को वापस लाने जा रहा है. साप्ताहिक पत्रिका डेर श्पीगेल के अनुसार नाटो की आइसैफ टुकड़ी का नेतृत्व चाहता है कि टोर्नाडो विमानों के बदले और अधिक जर्मन सैनिक भेजे जाएं, जो अफगान सैनिकों को प्रशिक्षण दे सकें. पत्रिका का कहना है कि इसके अलावा आइसैफ टुकड़ी के अमेरिकी कमांडर जनरल डेविड पेत्रॉएस ने मांग की है कि जर्मनी 350 सैनिकों की एक ऐसी अतिरिक्त टुकड़ी भेजे, जिसे जरूरत के मुताबिक कहीं भी भेजा जा सके. अभी तक जर्मन सैनिक सिर्फ कुंदुज और उसके आसपास के क्षेत्र में ही सक्रिय हैं.
डेर श्पीगेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि जर्मन सेना के प्रमुख इंस्पेक्टर जनरल फोल्कर वीकर ने रक्षा मंत्री कार्ल थेओडोर त्सू गुटेनबैर्ग को सलाह दी है कि अफगानिस्तान से 6 टोर्नाडो विमान वापस लाए जाएं. अफगानिस्तान में इनकी तैनाती शुरू से ही जर्मनी में विवादास्पद रही है. सन 2007 में तैनात किए गए ये विमान सारे अफगानिस्तान में टोही उड़ाने भरते हैं. उनके द्वारा लिए गए चित्रों के आधार पर बमबारी के निशाने तय किए जाते हैं.
जर्मन विदेश मंत्री गीदो वेस्टरवेले ने इस सिलसिले में कहा है कि अगर जर्मन संसद के प्रत्यादेश में गुंजाइश हो, तो अफगान सैनिकों के प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाई जा सकती है. ये सैनिक लड़ाई में भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि अफगान सैनिकों का प्रशिक्षण वहां से जर्मन सैनिकों की वापसी की पूर्व शर्त है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार