व्यापक एजेंडे के साथ मैर्केल भारत दौरे पर
३० मई २०११वेस्टरवेले रविवार को भारत के दौरे पर पहुंचे. वह सोमवार को भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से मिलेंगे. मंगलवार को दोनों देश की सरकारों के बीच शीर्ष स्तरीय आधिकारिक बातचीत में वेस्टरवेले तो मौजूद नहीं होंगे लेकिन वे दोनों सरकारों के बीच औपचारिक बैठक की तैयारी करेंगे.
जलवायु पर होगी बहस
मैर्केल ने कहा है कि भारत को कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य सीमाएं लागू करनी होंगी. हालांकि उन्होंने जर्मन मीडिया में कह दिया है कि जलवायु परिवर्तन के सवाल पर भारत दौरे से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं, क्योंकि "इस सिलसिले में बहुत गहराई तक जाना होगा और इस बार यह संभव नहीं हो पाएगा."
भारतीय संसद ने तय किया है कि वह स्वेच्छा से उत्सर्जन कटौती की सीमा तय कर रहा है. डॉयचे वेले से बातचीत में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आरके जैन ने कहा, "अब तक इस बारे में मतभेद रहा है कि जलवायु परिवर्तन से कैसे निपटा जाए. जर्मनी सतत विकास और अक्षय ऊर्जा के मामले में आगे हैं, लेकिन कई स्तरों पर भारत अब भी विकासशील है. इसलिए मामले को अलग तरह से देखा जा रहा है और साथ ही भारतीय राजनीति को भी."
जैन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के प्रमुख का चुनाव भी दोनों देशों के बीच चर्चा का मुद्दा बनकर उभरेगा.
मैर्केल को सम्मान
मैर्केल की यह भारत यात्रा इस लिहाज से खास है कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय समझ के लिए जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार से नवाजा जा रहा है. मैर्केल की यात्रा का मकसद दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाना तो है ही, साथ ही वह अपने देश के व्यापार को बढ़ावा देने और भारत में जर्मनी को लेकर दिलचस्पी बढ़ाने की भी कोशिश करेंगी.
भारत में 2011 को जर्मनी का साल घोषित किया गया है. मैर्केल इस मौके पर होने वाले कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगी. मैर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच साझीदारी में 'अनंत संभावनाएं' हैं और भारत आर्थिक तौर पर तेजी से बढ़ रहा है. प्रोफेसर जैन मानते हैं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के पड़ोसी और दक्षिण एशिया के एक बड़े देश होने के नाते भी भारत जर्मनी के लिए खास अहमियत रखता है. भारत के बाद मैर्केल सिंगापुर जाएंगी जहां वह मानवाधिकार हनन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अपने विचार वहां की सरकार के सामने पेश करेंगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः ए कुमार