शंकर का नया गीत बच्चों के नाम
८ अगस्त २०१२इस गाने के लिए शंकर महादेवन अक्षयपात्र नाम की संस्था से जुड़े हैं, जो स्कूली बच्चों को मुफ्त खाना मुहैया कराती है. महादेवन का कहना है कि अपने गीत के जरिए वह बच्चों को इस बात के लिए प्रेरित करेंगे कि उन्हें विद्या के साथ खाना भी मिल सके. दक्षिण भारतीय संगीतकार मानते हैं कि शिक्षा बेहद जरूरी है और अगर उनके गाने से इसमें किसी तरह का योगदान हो सके, तो अच्छी बात है.
(शंकर महादेवन का इंटरव्यू सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें)
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर शंकर महादेवन छात्रों को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी देते हैं. उन्होंने शंकर महादेवन अकादमी बनाई है. डॉयचे वेले के साथ खास इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "इसके माध्यम से कोई भी मुझसे ऑनलाइन मिल सकता है और संगीत से लेकर अपनी परेशानी के बारे में बात कर सकता है."
महादेवन का कहना है कि उन्होंने वही काम किया, जो उन्हें अच्छा लगा, "अच्छा गाना तो कोई भी बना सकता है लेकिन मुश्किल काम है कि ऐसे आसान गाने बनाए जाएं जो लोगों के दिलों को छू सकें."
मिल्खा से उम्मीद
शंकर महादेवन को उम्मीद है कि उनकी आने वाली फिल्म भाग मिल्खा भाग मील का पत्थर साबित होगी. उनका कहना है, "मशहूर धावक मिल्खा सिंह की जिन्दगी पर बनी यह फिल्म काफी उत्साह पैदा करने वाली है." इस फिल्म के निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा हैं. फिल्म में शंकर अहसान लॉय की तिकड़ी का संगीत है, जिसने कल हो न हो में यादगार संगीत दिया था.
धाराप्रवाह हिन्दी बोलने और शानदार हिन्दी गाना गाने वाले शंकर महादेवन को लगता है कि उनकी हिन्दी बहुत अच्छी नहीं है लेकिन उनके गानों से ऐसा बिलकुल महसूस नहीं होता. फिर भी वह कहते हैं, "एक दिन मैं सबको दिखा दूंगा कि मैं कितनी अच्छी हिन्दी बोल सकता हूं."
रिपोर्टः जसविंदर सहगल, बैंगलोर
संपादनः अनवर जे अशरफ