शरणार्थी मुद्दे पर गंभीर मतभेद
शरणार्थी विवाद पर यूरोपीय संघ की शिखर भेंट से पहले 28 सदस्य देशों के नेताओं के बीच गहरे मतभेद बने हुए हैं.
अंगेला मैर्केल, चांसलर, जर्मनी
अंगेला मैर्केल ने यूरोपीय साथी देशों से शरणार्थी विवाद निपटाने के लिए साझा प्रयायों की अपील की. जर्मन संसद में बोलते हुए उन्होंने राष्ट्रीय कदमों को ठुकरा दिया, “यूरोप के सामने बहुत सी चुनौतियां हैं, लेकिन रिफ्यूजी समस्या भविष्य का सवाल बन सकता है."
आंद्रे बाबिस, प्रधानमंत्री, चेक गणतंत्र
आंद्रे बाबिस ने भूमध्य सागर के शरणार्थियों पर साझा जिम्मेदारी से इंकार किया और कहा, “हम पूरे ग्रह को नहीं बचा सकते.” उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ की दक्षिणी सीमा को बचाने की जिम्मेदारी इटली, ग्रीस, स्पेन और माल्टा की है. शरणार्थी वाली नावों को उत्तर अफ्रीका में ही रोका जाना चाहिए.
अलेक्सिस सिप्रास, प्रधानमंत्री, ग्रीस
अलेक्सिस सिप्रास ने कहा है कि वे जर्मन चांसलर के साथ शरणार्थी मुद्दे पर विशेष संधि के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा, “ये उचित नहीं है कि ये लोग जर्मनी जाएं, यदि हम मानते हैं कि ये एक यूरोपीय समस्या है.” उन्होंने कहा कि बोझ के बंटवारे के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों की संरचना खोजी जानी चाहिए.
फिलिपो ग्रांडी, प्रमुख, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संगठन
संयुक्त राष्ट्र ने यूरोपीय शिखर सम्मेलन से पहले शरणार्थियों को बचाने वाले जहाजों को रोकने के लिए माल्टा और इटली के फैसलों की आलोचना की है. शरणार्थी संगठन के प्रमुख फिलिपो ग्रांडी ने कहा, “बचाव कार्य को नकारना या शरण की जिम्मेदारी कहीं और थोपना अस्वीकार्य है.”
जुसेप कोंते, प्रधानमंत्री, इटली
इटली के प्रधानमंत्री कोंते ने इटली की मांगें नहीं माने जाने की स्थिति में शरणार्थी समस्या पर यूरोपीय संघ के नेताओं के नियोजित फैसलों पर वीटो लगाने की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि वे "उससे नतीजे निकालने" को तैयार हैं.
एडी रामा, प्रधानमंत्री, अल्बानिया
यूरोपीय शरणार्थी नीति में सुधारों पर बहस के बीच अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा ने कहा है कि बाल्कान देश अपने यहां शरणार्थियों के लिए रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए जाने को अस्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा, “हम कभी भी ऐसे शरणार्थी कैंप स्वीकार नहीं करेंगे.”