शराब की लत से बचाने वाला जीन मिला
२१ अक्टूबर २०१०सीवाईपी2ईएल नाम के इस जीन पर ही निर्भर करता है कि अल्कोहल को लेकर लोग किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं. जिन लोगों में यह जीन होता है वे लोग कुछ गिलास पीने के बाद ही महसूस करते हैं कि उन्होंने बहुत ज्यादा पी ली है. नॉर्थ कैरोलाइना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है.
शोधकर्ताओं ने कहा कि पहले के अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों में अल्कोहल को लेकर तीखी प्रतिक्रिया होती है उनके शराबी बनने की संभावना कम होती है. लेकिन इस अध्ययन के आधार का अब तक पता नहीं था.
नया अध्ययन ऑनलाइन पत्रिका अल्कोहोलिजमः क्लिनकल एंड एक्सपेरिमेंटल रिसर्च (एसीईआर) में छपा है. इस अध्ययन के लिए मुख्य शोधकर्ता किर्क विलहेल्मसन और उनकी टीम ने कॉलेज के छात्रों की उम्र के सैकड़ों ऐसे जोड़ों को जमा किया जिनके माता पिता में से कोई एक शराबी था.
इन लोगों को तीन पेग के बराबर अल्कोहल या सोडा कॉकटेल दिया गया. तब उनके सामने विकल्प रखे गए और एक चुनने को कहा गया. विकल्प थेः मैं नशा महसूस कर रहा हूं, मैं नशा महसूस नहीं कर रहा हूं, मुझे नींद आ रही है, मुझे नींद नहीं आ रही है.
शोधकर्ताओं ने विश्लेषण के जरिए यह जानने की कोशिश की कि छात्र अल्कोहल को किस तरह महसूस करते हैं. सीवाईपी2ईएल जीन लिवर में नहीं बल्कि मस्तिष्क में होता है. विलहेल्मसन कहते हैं, "यह पता चला कि इस जीन का एक खास रूप लोगों को अल्कोहल के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाता है. नतीजा दिलचस्प है क्योंकि इससे अल्कोहल के बारे में नई बातें पता चलती हैं कि जब हम शराब पीते हैं तो क्या महसूस करते हैं."
इस जीन के जरिए ऐसी दवाएं बनाई जा सकती हैं जो लोगों को अल्कोहल के लिए ज्यादा संवेदनशील बना दें.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ओ सिंह