शाइनी आहूजा को ज़मानत मिली
१ अक्टूबर २००९बॉम्बे हाई कोर्ट ने शाइनी को ज़मानत देते हुए कहा कि उन्हें मुंबई आने की इजाज़त नहीं होगी ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की संभावना न रहे. अदालत ने 36 साल के शाइनी से कहा है कि वह 50,000 रुपये का बांड तीन हफ़्ते के अंदर भर दें और अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दें. यानी उन्हें देश से बाहर जाने की भी इजाज़त नहीं होगी. अदालत ने यह भी कहा है कि शाइनी चश्मदीदों को सीधे या परोक्ष रूप से प्रभावित करने की कोशिश न करें.
परिवार से दूर
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एपी पांडे ने कहा, "इस तरह के मामलों में दो पहलू होते हैं. एक तो यह कि आरोपी भागने की कोशिश करता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करता है. इस मामले में चूंकि शाइनी मुंबई के रहने वाले हैं. हो सकता है कि वह भागने की कोशिश नहीं करेंगे और सबूतों को सुरक्षित करने के लिए हमने कुछ क़दम उठाए हैं."
दिल्ली के शाइनी आहूजा को कुछ कुछ दिनों पर अपने घर के पास वाले थाने में जाकर हाज़िरी देनी होगी. शाइनी को ज़मानत मिलने पर उनकी पत्नी अनुपम ने राहत की सांस ली और कहा, "मैं पहले दिन से कह रही थी कि उन्हें फंसाया जा रहा है. अब वह अपने परिवार के साथ मिल पाएंगे."
बलात्कार का आरोप
शाइनी को 15 जून को गिरफ़्तार किया गया था. इससे पहले उनके घर पर काम करने वाली महिला ने आरोप लगाया था कि शाइनी ने अपनी पत्नी और बच्चों की ग़ैरमौजूदगी में उसका बलात्कार किया. इस मामले में ओशीवारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
अदालत ने कहा कि सिर्फ़ मुक़दमे की सुनवाई के वक्त शाइनी मुंबई आ पाएंगे. शाइनी के वकील की दलील थी कि मेडिकल रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि उस महिला का बलात्कार नहीं हुआ, बल्कि उसकी इच्छा से संबंध बनाए गए. हालांकि पुलिस ने 109 पन्नों के आरोपपत्र में शाइनी पर 20 साल की महिला के बलात्कार का आरोप लगाया.
अदालत के फ़ैसले की वजह से शाइनी के फ़िल्मी करियर पर गहरा असर पड़ सकता है क्योंकि वह मुंबई नहीं जा सकते और इस तरह उनकी आने वाली फ़िल्मों की शूटिंग नहीं हो पाएगी. वह पांच फ़िल्में माइग्रेशन, हर पल, चलो मूवी, ऐक्सीडेंट और टेक टो में काम कर रहे हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः आभा मोंढे