शारापोवा के सपनों में विम्बलडन
१९ जून २०११2004 में विम्बलडन जीतकर टेनिस जगत में तहलका मचा देने वाली मारिया शारापोवा इस बार किसी भी तरह यह खिताब जीतना चाहती हैं. 24 साल की शारापोवा का कहना है कि फिलहाल वह खुद को काफी चुस्त दुरुस्त महसूस कर रही हैं, "अगर मैं एक और ग्रैंड स्लैम जीतती हूं तो यह मेरे लिए पहले जीते खिताबों से कहीं ज्यादा बड़ा होगा. ऐसा होने पर चोट से पहले वाला दौर शुरू हो जाएगा."
कभी दुनिया विलियम्स बहनों का वर्चस्व तोड़कर दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने वाली शारापोवा अगस्त 2008 से अब तक कोई ग्रैंड स्लैम नहीं जीत सकी है. रैंकिंग में भी वह लुढ़कर छठें स्थान पर पहुंच गई हैं.
शारापोवा ने 2006 में यूएस और 2008 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीता. लेकिन इसके बाद टेनिस जगत में उनकी चमक फीकी पड़ गई. कंधे की चोट की वजह से वह अगस्त 2008 से मई 2009 तक यानी 10 महीने टेनिस कोर्ट से दूर रहीं. इसके बाद उनकी वापसी तो हुई लेकिन फीकी. तब से अब तक खेले गए ग्रैंड स्लैम के नौ खिताबी मुकाबलों में वह सिर्फ एक बार सेमीफाइनल तक पहुंच सकी हैं. मारिया मानती हैं कि चोट के बाद कोर्ट पर पुराने रंग में लौटना बहुत मुश्किल हैं, "जब आप वापसी करते हैं तो आप शून्य से शुरुआत करते हैं. यह एक लंबी प्रक्रिया है. अगर मैं यह खिताब जीतने में कामयाब रही तो यह मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी."
छह फुट दो इंच लंबी मारिया शारापोवा टेनिस जगत की सबसे चर्चित महिला खिलाड़ियों में शुमार हैं. सिंगल्स मुकाबलों में 80 फीसदी जीत के औसत के साथ खेलने वाली मारिया के सामने विम्बलडन के घास वाले कोर्ट में चुनौतियां कम नहीं हैं. फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में उन्हें हराने वाली चाइनीज चैंपियन ना ली भी विम्बलडन की मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं. चोट से उबरी सेरेना विलियम्स भी धमाकेदार वापसी के लिए बेकरार हैं. विम्बलडन 20 जून से शुरू हो रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: उभ