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समाज

शूटिंग ठप, कहां जाएं बॉलीवुड के दिहाड़ी मजदूर?

२३ मार्च २०२०

कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी थम गई है. ऐसे में वे हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं जो फिल्मों के सेट बनाते हैं, पर्दे पर हीरो से मार खाते हैं या सितारों के आगे पीछे नाचते हैं.

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Indien Lucknow Filmdreh
फिल्म प्रोडक्शन से जुड़े हजारों लोगों की आमदनी ठपतस्वीर: DW

मजदूर यूनियनों के मुताबिक लगभग पांच लाख लोग बॉलीवुड में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं. लेकिन 19 से 31 मार्च के बीच फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शूटिंग ठप होने की वजह से ज्यादातर लोग अधर में लटके हैं.

वैसे प्रोड्यूसर गिल्फ ऑफ इंडिया ने एक रिलीफ फंड का एलान किया है ताकि दिहाड़ी पर काम करने वालों की मदद की जा सके. इनमें एक्स्ट्रा के तौर पर काम करने वाले लोग भी शामिल हैं. यह कदम काबिले तरीफ है क्योंकि बॉलीवुड की चमक दमक में ऐसे लोगों पर कम ही ध्यान दिया जाता है.

फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉई के महासचिव अशोक दुबे कहते हैं, "यह पहला मौका है जब निर्माताओं ने इस बारे में रुचि दिखाई है." उन्होंने थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के साथ बातचीत में कहा, "एक प्रोडक्शन हाउस ने हमें कामगारों के बीच बांटने के लिए खाने के चार हजार पैकेट दिए हैं."

Indischer Bollywood-Star Shah Rukh Khan mit Familie
हर फिल्म के साथ जुड़े होते हैं सैकड़ों लोगतस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Photo

मदद की दरकार

30 फिल्म ट्रेड यूनियनों वाले इस फेडरेशन की लंबे समय से मांग रही है कि दिहाड़ी पर काम करने वाले इन लोगों को समय पर मेहनताना दिया जाए और उनके लिए काम की परिस्थितियों को भी बेहतर किया जाए.

भारत में सोमवार तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 400 को पार कर गई है जबकि अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है. देश के 75 जिलों में लॉकडाउन है. इस संकट की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित दिहाड़ी मजदूर हो रहे हैं. कुछ राज्यों ने उनके लिए राहत पैकेज की घोषणा की है.

कई फिल्मों में एक्स्ट्रा के तौर पर काम करने वाली 59 वर्षीय हेमा दवे कहती हैं, "जब सरकार दिहाड़ी पर काम करने वाले लोगों के लिए किसी मदद का एलान करती है तो हमें शायद ही उन लोगों में गिना जाता है." वह कहती हैं कि उन्हें फिल्मों में नियमित तौर पर काम नहीं मिलता है, इसलिए उनके जैसे लोगों को भी मदद मिलनी चाहिए.

Indien Rajat Kapoor
तस्वीर: imago/Hindustan Times/S. Bate

किसे कितना काम मिलता है

भारत में मीडिया और मनोरंजन उद्योग 24 अरब डॉलर का माना जाता है. इसमें फिल्में, टीवी, और नेटफ्लिक्स और एमेजॉन जैसी स्ट्रीमिंग सेवाएं भी शामिल हैं. इस इंडस्ट्री में काम पर रखे जाने वाले दिहाड़ी अभिनेताओं और टेक्नीशियनों को आठ घंटे की शिफ्ट के लिए आम तौर पर एक हजार रुपये मिलते हैं.

लेकिन मेहनताना कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि कुल कितनों दिन का काम है. या फिर "अच्छे दिखने वाले" अभिनेताओं को ज्यादा पैसे मिलते हैं. जूनियर आर्टिस्ट सप्लाई करने वाले पप्पू लेखराज बताते हैं, "अच्छे दिखने वाले अभिनेताओं को महीने में 20 दिन काम मिलता है जबकि सामान्य दिखने वाले लोगों को आठ ही दिन काम मिलता है. यह इंडस्ट्री लुक्स पर ही चलती है."

अच्छी पहल

वैसे गरीबी और तकलीफों को शायद ही कभी बॉलीवुड से जोड़ कर देखा जाता है. इस इंडस्ट्री को आम तौर पर अमीर और मशहूर एक्टरों की चमक दमक और ऐशो आराम के चश्मे से ही देखा जाता है. फिल्म कंपेनियन नाम की एक फिल्म न्यूज वेबसाइट ने हाल में बॉलीवुड में दिहाड़ी पर काम करने वाले कामगारों पर रिपोर्टों की एक सिरीज शुरू की है. वेबसाइट की संस्थापक और संपादक अनुपमा चोपड़ा कहती हैं, "इस महामारी से अगर कोई अच्छी बात सामने आई है तो वह यह है. व्यवस्था बनाई जा रही है और (दिहाड़ी पर काम करने वालों के लिए) कुछ संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं."

शूटिंग बंद होने से दिहाड़ी कामगारों पर पड़ने वाले असर पर प्रोड्यूसर गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रमुख कुलमीत मक्कड़ कहते हैं, "हम इस समस्या से निपटने के तरीके तलाश रहे हैं. यह एक बड़ी समस्या है." हालांकि समय पर वेतन देने और मेडिकल बीमा जैसी सुविधाएं इन लोगों को मुहैया कराने जैसे दीर्घकालीन समाधानों पर अभी भी बात नहीं हो रही है.

एके/एमजे (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)

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