शोएब अख्तर का झोला भरा है विवादों से
१७ मार्च २०११1997 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर शुरू करने के बाद से शोएब ड्रग्स, फिक्सिंग और अनुशासनहीनता जैसे तमाम आरोप झेल चुके हैं. आइए, उनके संन्यास के मौके पर एक नजर उनके विवादों पर भी डाली जाए.
* 2003 के वर्ल्ड कप में उन्होंने रफ्तार के नए आयाम तो स्थापित किए लेकिन उस वर्ल्ड कप को याद किया जाता है सीनियर गेंदबाज वकार यूनुस से उनके झगड़े के लिए. इस झगड़े के लिए उन्हें टीम से निकाल दिया गया था.
* 2003 में श्रीलंका में हुई एक त्रिकोणीय सीरीज में अख्तर को बॉल टैंपरिंग करते पकड़ा गया. बॉल टैंपरिंग के आरोपों में प्रतिबंधित होने वाले वह दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने थे.
* 2003 में ही अख्तर को एक टेस्ट और दो वनडे मैचों के लिए प्रतिबंधित किया गया. क्योंकि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक मैच में स्पिनर पॉल एडम्स को गाली दी थी.
* 2005 में शोएब अख्तर को ऑस्ट्रेलिया दौरे से लौटाया गया. इसकी वजह घायल होना बताया गया लेकिन इस तरह की खबरें भी आईं कि उन्हें अनुशासनहीनता की सजा मिली और वह अपने साथियों से लगातार झगड़ते रहते थे. उन पर मैच के दौरान रात को पार्टियों में जाने की वजह से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने जुर्माना भी लगाया था.
* 16 अक्तूबर 2006 को मोहम्मद आसिफ के साथ शोएब अख्तर को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने निलंबित कर दिया. इसकी वजह थी उनका नशीली दवाएं लेने का दोषी पाया जाना. इस वजह से उन्हें 2006 की चैंपियंस ट्रॉफी से भी बाहर होना पड़ा. इस जुर्म के लिए उन पर दो साल का बैन लगाया गया. हालांकि बाद में एक कमेटी ने मामले की सुनवाई के बाद उन्हें इल्जाम से बरी कर दिया.
* अगस्त 2007 में अख्तर पर एक क्रिकेट कैंप के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा. इसके लिए उन पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
* 4 दिसंबर 2008 को शोएब अख्तर को ब्रिटेन के इमिग्रेशन अधिकारियों ने हीथ्रो हवाई अड्डे से ही लौटा दिया क्योंकि उनके पास वैध वर्किंग वीजा नहीं था. अधिकारियों ने बताया कि खेलने के लिए उनके पास वर्किंग वीजा होना चाहिए था.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार