श्रीलंकाई क्रिकेट में इस्तीफों की बाढ़
७ अप्रैल २०११पूर्व खिलाड़ी अरविंदा डि सिल्वा समेत चयन समिति के सभी सदस्यों ने श्रीलंका के खेल मंत्री को इस्तीफा सौंप दिया है. अरविंदा डि सिल्वा चयन समिति के प्रमुख थे. बुधवार को डि सिल्वा, रंजीत फर्नांडो, अमल सिल्वा और अजवर अली ने एक साथ इस्तीफा दिया. यह चयन समिति जून 2010 में बनाई गई थी जिसका कार्यकाल 20 अप्रैल तक था.
इस्तीफे में अरविंदा डि सिल्वा ने लिखा, ''जब हमने यह जिम्मेदारी ली थी तो हमारा मकसद श्रीलंकाई क्रिकेट को एक अच्छी स्थिति तक ले जाना था. श्रीलंका क्रिकेट के साथ जुड़े सभी लोग इस बात से काफी निराश हैं कि वर्ल्ड कप में मिले शानदार मौके को हम कामयाबी में नहीं बदल पाए. भारत से एक जबदस्त मैच में हम हार गए. लेकिन हमें खुशी है कि हम अपनी कई जिम्मेदारियों को पूरा सके.''
श्रीलंका क्रिकेट के सचिव निशांता रणतुंगा का कहना है कि अब हर बात का फैसला खेल मंत्री को करना है. कप्तान और उपकप्तान की गैर मौजूदगी से माथापच्ची और बढ़ गई है. हालांकि रणतुंगा ने उम्मीद जताई है कि चयन समिति के सदस्य लंबे समय के लिए फिर बोर्ड के साथ जुड़ सकते हैं, बशर्ते खेल मंत्री उन पर भरोसा जताएं.
एक दिन पहले ही महेला जयवर्धने ने उपकप्तान के पद से इस्तीफा दिया था. कुमार संगकारा मंगलवार को ही वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ने का एलान कर चुके हैं. दोनों चाहते हैं कि अब टीम की बागडोर नए और युवा खिलाड़ी के हाथ में सौंपी जाए. जयवर्धने ने कहा, ''मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि टीम में युवाओं को ज्यादा मौका दिया जाए.''
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष डीएस डि सिल्वा का कहना है, ''नई चयन समित को अब दो तीन बैठकें करनी होंगी. कप्तान और उपकप्तान का चुनाव करना होगा.'' कप्तानी के लिए एंगेलो मैथ्यूज और तिलकरत्ने दिलशान का नाम सबसे आगे चल रहा है. श्रीलंका को इस साल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का कठिन दौरा करना है. कहा जा रहा है कि नए कप्तान की खोज के लिए यह एक अच्छा मौका होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार