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संयुक्त राष्ट्र में ऐश्वर्या राय बच्चन

२५ सितम्बर २०१२

संयुक्त राष्ट्र की इकाई यूएन एड्स की गुडविल एम्बैसेडर बनीं ऐश्वर्या राय बच्चन का कहना है कि वह केवल 'पोस्टर गर्ल' बन कर पहचानी जाना चाहती बल्कि संगठन के काम में मददगार साबित होना चाहती हैं.

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तस्वीर: AP

यूएन एड्स ने सोमवार को ऐश्वर्या राय को सद्भावना दूत के तौर पर नियुक्त किया है. पिछले साल नवंबर में मां बनीं ऐश्वर्या का काम दुनिया भर में बच्चों में फैल रहे एड्स को ले कर जागरूकता फैलाना और 2015 तक बच्चों में एचआईवी के नए संक्रमण रोकना होगा.

ऐश्वर्या का कहना है कि यह उनके लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है कि संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें इस काम के लिए चुना है, "शुरुआत में मैं एक स्टूडेंट जैसी रहूंगी, मैं इस संगठन का हाथ पकड़ कर आगे बढ़ूंगी ताकि वह मुझे असली तस्वीर तक ले जा सके. मैं केवल एक पोस्टर गर्ल बन कर नहीं रहना चाहती, मैं नहीं चाहती कि इस मंच पर केवल मेरे चेहरे या मेरी आवाज का ही इस्तेमाल किया जाए."

ऐश्वर्या का कहना है कि अपना काम ठीक से समझने के लिए वह भारत भर में और अन्य देशों में घूमेंगी और लोगों से बातचीत करेंगी. इसके अलावा वह सरकारों और दवाई बनाने वाली कंपनियों के साथ मिल कर चर्चा करेंगी कि इस विषय में क्या किया जा सकता है.

ऐश्वर्या बताती हैं कि इस से पहले भी कई बार संयुक्त राष्ट्र ने उनसे संपर्क किया ताकि वह उनके कार्यक्रमों से जुड़ सकें, लेकिन फिल्मों में व्यस्त रहने के कारण वह अब तक ऐसा कर नहीं पाई थीं. अब मां बनने के बाद उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बदली हैं, "मैं बहुत खुश हूं कि अब मैं फिल्मों से वक्त निकाल सकती हूं और अपनी बेटी को वह वक्त दे सकती हूं.. मैं अब आगे की योजनाएं बना रही हूं.. यह मेरे जीवन में एक नया मोड़ है. मैं हमेशा चाहती थी कि मैं संयुक्त राष्ट्र के साथ ऐसे वक्त आऊं जब मैं वाकई उसके लिए ठीक तरह से काम कर सकूं."

Aishwarya Rai
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ऐश्वर्या 22 देशों में एड्स को ले कर जागरूकता फैलाने में मदद करेंगी. इनमें से 21 देश अफ्रीका में हैं. 22वां देश खुद भारत है और हैरानी की बात है कि अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं के बाद भी कुल 90 प्रतिशत नए संक्रमण भारत में ही होते हैं.

आईबी/एएम (रॉयटर्स/पीटीआई)