सचिन के लिए चांटा बना चमत्कार
१८ जुलाई २००९इस मौक़े पर सचिन तेंदुलकर ने बचपन का एक क़िस्सा बहुत चाव से सुनाया. उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें अपने स्कूल की 'बी' टीम से खेलने को कहा गया लेकिन वह खेलने की जगह गैलरी में जा बैठे और साथी खिलाड़ियों की हौसला अफ़ज़ाई के लिए तालियां बजाने लगे.
शाम को जब वह अपने गुरु रमाकांत अचरेकर के पास पहुंचे तो उनसे पूछा गया कि उन्होंने कितने रन बनाए. इस सवाल से भौंचक्के सचिन ने कहा कि वह तो गैलरी में बैठे तालियां बजा रहे थे. फिर क्या था, लगा एक ज़ोरदार तमाचा और टिफ़िन बॉक्स नीचे गिर पड़ा. लेकिन इस तमाचे ने सचिन की पूरी दुनिया ही बदल कर रख दी. उन्हें समझ आ गया कि उनसे कितनी बड़ी ग़लती हुई है.
तेंदुलकर ने बताया कि अचरेकर 'सर' ने इसके बाद उनसे कहा कि 'दूसरों के लिए ताली बजाना बंद करो. अपना खेल खेलो और अपनी बल्लेबाज़ी पर ध्यान दो.'
सचिन तेंदुलकर ने कहा, "उस घटना ने मेरी ज़िन्दगी बदल दी. मैं आज जो कुछ भी हूं, उनकी कोचिंग की वजह से हूं और अचरेकर सर की हिदायतों से की गई मैच प्रैक्टिस की वजह से हूं."
तेंदुलकर ने अचरेकर की तारीफ़ करते हुए कहा कि उनके गुरु ने सभी खिलाड़ियों को बराबर नज़र से देखा. तेंदुलकर के साथ इस कार्यक्रम में उनके बचपन के दोस्त विनोद कांबली, प्रवीण आमरे और समीर दिघे भी शामिल हुए.
नागपुर के इस कार्यक्रम में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने अचरेकर और तेंदुलकर की तुलना आधुनिक ज़माने के द्रोणाचार्य और अर्जुन से की. अचरेकर ने विदर्भ के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर प्रशांत वैद्य और विदर्भ के पूर्व रणजी क्रिकेट कप्तान प्रीतम गांधी को सम्मानित किया.
मुंबई के अंडर-16 क्रिकेट टीम के कप्तान हरमीत सिंह को वज़ीफ़े के तौर पर 50,000 रुपये देने का एलान किया गया. यह रक़म रमाकांत अचरेकर फ़ाउंडेशन की ओर से दिया जाएगा, जिसकी स्थापना पूर्व रणजी खिलाड़ी शरद ठाकरे ने की है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एम गोपालाकृष्णन