सचिन के शतक पर भारी स्ट्रॉस की पारी
२८ फ़रवरी २०११रविवार को भारत और इंग्लैंड के बीच टाई मैच को वर्ल्ड कप में अब तक के सबसे रोमांचक मैचों में शुमार किया जाएगा. एंड्रयू स्ट्रॉस ने अपने बल्ले की चमक इस कदर बिखेरी कि एक समय भारत का विशाल स्कोर भी बौना लगने लगा. मैच ने रोमांच की सभी हदें पार कर दीं और वह बराबरी पर समाप्त हुआ.
वर्ल्ड कप के इतिहास में यह सिर्फ चौथी बार है जब कोई मैच टाई हुआ है और चिन्नास्वामी स्टेडियम में बैठ हजारों दर्शक इस अविश्वसनीय से खेल को देखते रहे. भारतीय प्रशंसकों के लिए सचिन तेंदुलकर की पारी भारतीय टीम की पारी का सबसे बड़ा आकर्षण रही. शुरुआत में सहवाग के सामने थोड़ा धीमे खेलने वाले सचिन ने बाद में अपने हाथ खोले और वह 115 गेंदों में 120 रन बनाकर आउट हुए. लेकिन कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड के लिए आगे बढ़कर टीम का नेतृत्व करते हुए टीम इंडिया को सुन्न कर दिया. वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर जड़ते हुए स्ट्रॉस ने 158 रन ठोंके.
मैच के बाद स्ट्रॉस ने कहा, "हम मैच के परिणाम से खुश भी हैं और नहीं भी, लेकिन यह फिर साबित हो गया कि क्रिकेट एक महान खेल है."
हालांकि इस मैच के टाई होने के बाद आने वाले मैचों में भारत को अधिक सतर्क रहना होगा, जिससे उसके क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें बरकरार रहें. इंग्लैंड के खिलाफ मैच के बाद भारत की फील्डिंग और गेंदबाजी की कमजोरी सामने आई, जिसे वह दूर करना चाहेगा.
रिकॉर्ड के लिहाज से देखा जाए तो एक तरफ जहां सचिन तेंदुलकर वर्ल्ड कप में सर्वाधिक शतक (पांच शतक) लगाने वाले बल्लेबाज बने, वहीं स्ट्रॉस ने वर्ल्ड कप में किसी भी अंग्रेज बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर (158) बनाया. इसके अलावा इस मैच में दोनों पारियों में 676 रन भी बने जो वर्ल्ड कप के किसी मैच में संयुक्त रूप से बनने वाला सबसे बड़ा स्कोर है. इससे पहले वर्ल्ड कप 2007 में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मुकाबले में 671 रन बने थे.
बहरहाल, भारत को इस मैच के परिणाम से ऊपर उठकर सारा ध्यान अपनी कमजोरियों को दूर करने में लगाना होगा, क्योंकि अगले दौर में उसे ये गलतियां भारी पड़ सकती हैं. भारत को अपना अगला मैच छह मार्च को बैंगलोर में ही आयरलैंड के खिलाफ खेलना है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एस खान
संपादनः ए कुमार