सचिन ने जड़ा ऐतिहासिक 50वां टेस्ट शतक
१९ दिसम्बर २०१०रविवार दोपहर तक राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण का विकेट गिरते ही भारत की हार तय लगने लगी. लेकिन एक छोर पर खड़े सचिन ने साबित कर दिया कि उन्हे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर क्यों कहा जाता है. भारी दबाव वाली स्थिति के बावजूद उन्होंने हर किसी के साथ बढ़िया साझेदारी निभाने की कोशिश की. उनकी यह कोशिश कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ रंग लाई.
सचिन ने संभले अंदाज में बल्लेबाजी की और धोनी ने अपने तेज तर्रार अंदाज में. 277 रन पर टीम इंडिया के छह विकेट गिर चुके थे. लेकिन सचिन और धोनी की जोड़ी टीम को इस खाई से काफी हद तक ऊपर निकाल लाई. सचिन ने 196 गेंदों पर 12 खूबसूरत चौके और एक छक्का जड़ते हुए अपना 50वां शतक जड़ा.
शतक जड़ते ही उन्होंने चिर परिचित अंदाज में दर्शकों का अभिवादन किया और आकाश की ओर देखा. धोनी दूसरे छोर से भागते हुए आए और उन्होंने करिश्माई तेंदुलकर को बांहों में भर लिया. दक्षिण अफ्रीका के कप्तान सचिन के क्रीज पर डटे रहने से झल्लाए जरूर लेकिन शतक पूरा होते ही खुद को ताली बजाने से नहीं रोक सके. साथियों, दर्शकों समेत विपक्षी टीम के सभी खिलाड़ियों ने सचिन का दिल खोलकर सम्मान किया.
क्रिकेट के मैदान पर 20 साल टिके तेंदुलकर दुनिया में सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले अकेले बल्लेबाज हैं. सेंचुरियन पर वह अपने करियर का 175वां टेस्ट खेल रहे हैं. वनडे में भी उनकी झोली में 46 शतक हैं. पांच फुट पांच इंच के इस 37 वर्षीय खिलाड़ी को रोकना 20 साल बाद भी गेंदबाजों के लिए खत्म न होने वाली कठिन चुनौती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा